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मध्यप्रदेश

महाय�ति की तिकड़ी ने किया कमाल, महाराष�ट�र विधानसभा च�नाव के नतीजों ने सियासी पंडितों को चौंका दिया

महाराष�ट�र
महाराष�ट�र विधानसभा च�नाव के नतीजों ने सियासी पंडितों को चौंका दिया है। खबर लिखे जाने तक महाय�ति गठबंधन 220 सीटों पर आगे है। बीजेपी, शिंदे ग�ट और अजित पवार की �नसीपी की इस तिकड़ी ने ध�र�वीकरण, मराठा आंदोलन और विपक�ष के तमाम आरोपों को किनारे करते ह�� अपनी पकड़ मजबूत रखी। आइ�, जानते हैं कि आखिर वो कौन से फैक�टर थे, जिन�होंने महाय�ति को �क बार फिर सत�ता के करीब ला दिया।

लड़की बहिन योजना ने किया कमाल
�कनाथ शिंदे सरकार की लड़की बहिन योजना ने सीधे जनता के दिलों में जगह बना ली। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने खातों में पैसे मिलना श�रू ह�आ, जिससे गरीब और मध�यम वर�ग की महिलाओं ने महाय�ति को जमकर वोट दिया।

देवेंद�र फडणवीस का प�रचार अभियान
बीजेपी ने इस बार अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया। प�रधानमंत�री नरेंद�र मोदी की अपेक�षाकृत कम सभाओं के बजाय, डिप�टी सी�म देवेंद�र फडणवीस को प�रचार की कमान दी गई। स�थानीय नेताओं और म�द�दों पर फोकस ने महाय�ति को जनता के करीब लाने में मदद की। फडणवीस की जमीनी पकड़ और नेतृत�व ने गठबंधन को मजबूती दी।

RSS और भाजपा ने तैयार की पिच
राष�ट�रीय स�वयंसेवक संघ (आर�स�स) ने भी इस बार बीजेपी के लि� जोर-शोर से काम किया। संघ के कार�यकर�ता घर-घर जाकर महाय�ति के समर�थन में प�रचार करते दिखे। उन�होंने लव जिहाद, भूमि जिहाद और धर�मांतरण जैसे म�द�दों को जनता तक पह�ंचाया, जिससे महाय�ति को खासतौर पर ग�रामीण इलाकों में जबरदस�त समर�थन मिला।
 

पवार बनाम पवार का मिला फायदा

महाराष�ट�र के कद�दावर नेता शरद पवार से अलग होकर अजित पवार महाय�ति में साथ आ�। बीजेपी और शिंदे की शिवसेना के साथ �नसीपी के साथ आने से �से कई चेहरे भी महाय�ति का हिस�सा रहे जो पहले कांग�रेस या �मवी� की विचारधारा के करीब थे। वहीं पार�टी की छवि के तौर भी अजित पवार ने शरद पवार ग�ट से अपनी अलग पहचान बनाई। महाराष�ट�र के विधानसभा च�नावों के र��ानों पर भी गौर करें तो अजित पवार अपने चाचा की पार�टी से कहीं आगे निकलते नजर आ रहे हैं।

शिंदे के चेहरे से मिला मराठा वोट
�कनाथ शिंदे को म�ख�यमंत�री बनाकर बीजेपी ने मराठा वोट बैंक को साधने का �सा दांव चला, जिसे विपक�ष भेद नहीं पाया। शिंदे मराठा प�राइड के प�रतीक बनकर उभरे और उनका चेहरा जनता के बीच खूब लोकप�रिय ह�आ। इससे न केवल शिंदे ग�ट को बल�कि महाय�ति को भी भारी समर�थन मिला। जरांगे पाटिल के मराठा आंदोलन का असर विपक�ष को जितना होने की उम�मीद थी, उतना नहीं ह�आ क�योंकि शिंदे के चलते मराठा वोट बीजेपी के साथ बने रहे।

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