WordPress database error: [Disk full (/tmp/#sql-temptable-1c55b7-644a2-36c9.MAI); waiting for someone to free some space... (errno: 28 "No space left on device")]
SELECT DISTINCT meta_value FROM wptw_usermeta WHERE meta_key = 'wptw_googlesitekit_site_verification_meta'

मध्यप्रदेश

महाराष�ट�र विधानसभा च�नाव: क�यों फेल हो ग� राह�ल के सारे दांव, जिसने चढ़ाया था उसी ने 6 महीने के अंदर फर�श पर ला पटका

नई दिल�ली
महाराष�ट�र विधानसभा च�नाव के ताजा नतीजों और र��ानों के म�ताबिक दोपहर 12.20 बजे तक भाजपा की अग�वाई वाली सत�ताधारी महाय�ति 288 सदस�यों वाली विधानसभा में 218 सीटें जीतती दिख रही है, जबकि विपक�षी महाविकास अघाड़ी सिर�फ 56 सीटों पर सिमटता दिख रहा है। इन च�नावी र��ानों ने स�पष�ट कर दिया है कि राज�य में नेता विपक�ष राह�ल गांधी और उनकी टीम का वह नैरेटिव काम नहीं आया, जिसके बूते छह महीने पहले लोकसभा च�नावों में इंडिया गठबंधन ने 48 में से 30 सीटें जीत ली थीं। यानी छह महीने के अंदर राह�ल गांधी के सारे दांव महाराष�ट�र में फेल हो ग�।

दरअसल, राह�ल गांधी अपनी सभी च�नावी सभाओं में संविधान का हवाला देते रहे हैं। वह आरक�षण की सीमा 50 फीसदी से आगे बढ़ाने की भी बात करते रहे और जातिगत जनगणना की भी वकालत करते दिखे। वह यह भी दलील देते रहे कि जिसकी जितनी संख�या भारी, उसकी उतनी हिस�सेदारी होनी चाहि�, इसलि� जाति जनगणना करवाकर आरक�षण की सीमा को 50 फीसदी की सीमा से आगे किया जाना चाहि�। जाहिर सी बात है कि वह इस कार�ड के सहारे दलित, आदिवासी, ओबीसी वर�ग को ल�भाने की कोशिश करते रहे हैं।

महाराष�ट�र का सामाजिक ताना-बाना
महाराष�ट�र में दलितों की आबादी करीब 12 फीसदी है, जबकि ओबीसी आबादी 38 फीसदी है। आदिवासी सम�दाय की बात करें तो वह अकेले 9 फीसदी और मराठा सम�दाय 28 फीसदी है। संविधान बचाने और आरक�षण की सीमा को 50 फीसदी की दीवार तोड़कर ज�यादा करने की बात कहकर राह�ल इन वर�गों को ल�भाने की कोशिश करते रहे हैं। उन�होंने महाराष�ट�र की च�नावी जनसभा में बार-बार कहा, “संविधान समानता, �क व�यक�ति-�क वोट, सभी के लि� और हर धर�म, जाति, राज�य तथा भाषा के लि� सम�मान की बात करता है। संविधान में सावित�रीबाई फ�ले और महात��मा गांधी की आवाज है। मगर बीजेपी और संघ संविधान पर हमला कर रहे हैं। उनका हमला देश की आवाज पर हमला है।�

अप�रैल-मई में ह�� लोकसभा च�नावों के दौरान जब वह अपने हाथों में संविधान की प�रति लेकर च�नावी सभाओं में यह कहते दिखे कि भाजपा 400 सीटें जीतकर संविधान बदलना चाहती है और दलितों-पिछड़ों का आरक�षण खत�म करना चाहती है तो लोगों ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया और लोकसभा च�नावों में उनके इंडिया अलायंस को पूरा समर�थन दिया लेकिन जब वह फिर से वही बातें महाराष�ट�र च�नावों में भी करने लगे तो राज�य के लोगों ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। यानी जिन लोगों की वजह से 48 में से 30 सीटें इंडिया गठबंधन ने जीती थीं, उन�हीं लोगों ने इस बार म�ंह फेर लिया।

मौजूदा च�नाव में घट ग� वोट परसेंट
च�नाव आयोग के आंकड़ों के अन�सार अभी तक के प�राप�त र��ानों के म�ताबिक कांग�रेस को 10.58 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि सहयोगी शरद पवार की �नसीपी को 11.58 फीसदी और उद�धव ठाकरे की शिवसेना को 10.67 फीसदी यानी क�ल 32.83 फीसदी वोट मिले हैं। वहीं भाजपा को 25.08 फीसदी, अजित पवार की �नसीपी को 10.95 फीसदी और �कनाथ शिंदे की शिवसेना को 12.70 फीसदी वोट यानी क�ल 48.73 फीसदी वोट मिले हैं।

लौकसभा च�नावों में किस दल को कितना परसेंट वोट
छह महीने पहले लोकसभा च�नावों में कांग�रेस को 16.92 फीसदी वोट मिले थे जबकि सहयोगी शरद पवार की �नसीपी को 10.27 फीसदी और उद�धव ठाकरे की शिवसेना को 16.52 फीसदी यानी MVA को क�ल 43.71 फीसदी वोट मिले थे। उधर, भाजपा को 26.18 फीसदी, अजित पवार की �नसीपी को 3.60 फीसदी और �कनाथ शिंदे की शिवसेना को 12.95 फीसदी क�ल 43 फीसदी वोट मिले थे। साफ है कि जिन सम�दाय ने लोकसभा च�नाव के दौरान इंडिया अलायंस को अर�श पर चढ़ाया था, उसी ने छह महीने के अंदर फर�श पर पटक दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button