मध्यप्रदेश

राज ठाकरे च�नाव नतीजों से पहले ख�द को किंगमेकर के तौर पर देख रहे थे, अब सिंबल और दर�जे पर तलवार

 म�ंबई

महाराष�ट�र नवनिर�माण सेना के नेता राज ठाकरे च�नाव नतीजों से पहले ख�द को किंगमेकर के तौर पर देख रहे थे। उनका कहना था कि इलेक�शन के बाद भाजपा सरकार बना�गी और देवेंद�र फडणवीस म�ख�यमंत�री होंगे। इसके साथ ही हम भी राज�य की सरकार में किंगमेकर की भूमिका में रहेंगे। इसे उनकी महत�वाकांक�षा के तौर पर देखा गया था, लेकिन नतीजे आ� तो राज ठाकरे को करारा �टका लगा। उनकी पार�टी को राज�य के च�नाव में �क भी सीट नहीं मिल सकी है। यह उनके लि� करारे �टके की तरह है और यहां तक कि क�षेत�रीय दल की मान�यता और पार�टी का सिंबल भी उनके हाथ से जा सकता है।

उनकी पार�टी का सिंबल रेल इंजन रहा है, जो बीते तीन च�नावों में फेल साबित ह�आ है। महाराष�ट�र नवनिर�माण सेना जब नई बनी थी, तब उसने 2009 में ह�� अपने पहले विधानसभा इलेक�शन में 13 सीटें हासिल की थीं। इसके बाद 2014 और 2019 में �क ही विधायक मनसे से च�ना गया, लेकिन इस बार तो पार�टी का खाता भी नहीं ख�ला। राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ख�द माहिम विधानसभा सीट से ब�री तरह हार ग�। वह तीसरे नंबर पर आ� हैं। पहले ही च�नाव में अमित ठाकरे को हार का सामना करना पड़ा। इस हार से राज ठाकरे भी सकते में हैं और नतीजों के बाद उन�होंने कहा भी यह मेरे लि� करारे �टके की तरह है।

यही नहीं अब पार�टी के सामने वजूद का ही संकट खड़ा हो गया है। मनसे को राज�य के इलेक�शन में महज 1.55 फीसदी वोट ही मिल सका। नियम के जानकारों का कहना है कि अब मनसे का इलेक�शन सिंबल छिन जा�गा और उसे निर�दलियों को आवंटित होने वाले चिह�नों में से ही कोई च�नना होगा। नियम के अन�सार यदि किसी को दल को शून�य या �क सीट ही मिलती है और वोट 8 फीसदी रहता है तो उसे क�षेत�रीय दल का मिलता है। इसके साथ ही 2 सीट और 6 फीसदी वोट का नियम है। इसके अलावा तीन सीट पाने पर तीन फीसदी वोट को भी क�षेत�रीय दल की मान�यता के लि� आधार माना गया है। मनसे बीते तीन च�नावों में इनमें से किसी भी पैमाने पर खरी नहीं उतरी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button