मध्यप्रदेश

क�छ चीजें सम�ने में समय लगता है, मैंने पार�टी छोड़ने की हिम�मत ज�टाई है: कैलाश गहलोत

नई दिल�ली
आम आदमी पार�टी में सात साल तक मंत�री रहे कैलाश गहलोत ने अचानक पार�टी से इस�तीफा दे दिया और बीजेपी ज�वाइन कर ली। अब बीजेपी में शामिल होने के �क दिन बाद, पूर�व आप नेता ने कहा कि मैं �क विचारधारा और सिद�धांत की वजह से आप से ज�ड़ा था। लेकिन अब इसमें डायल�यूशन (कमजोर) आ रहा है। �सा रातोंरात नहीं ह�आ है। दिल�ली के पूर�व मंत�री ने कहा कि क�छ चीजें सम�ने में समय लगता है। मैंने पार�टी छोड़ने की हिम�मत ज�टाई है। आने वाले दिनों में हो सकता है क�छ और लोग भी �सा करें।

विचारधारा-मूल�यों की वजह से आप से ज�ड़ा
गहलोत ने कहा, ‘मैंने अपने पत�र में (आप छोड़ने का) म�ख�य कारण विस�तार से बताया है। म�ख�य म�द�दे वही हैं… जिन मूल�यों के कारण हम आप में शामिल ह�� – मैंने कल प�रेस कॉन�फ�रेंस में भी कहा था कि मैं उन कार�यकर�ताओं में से �क था जो �क विचारधारा से ज�ड़े थे। मेरे जैसे लाखों लोग हैं। मेरा मानना ​​है कि पार�टी कभी भी सिर�फ �क व�यक�ति द�वारा नहीं बनाई जाती है। यह असंभव है। जब लाखों-करोड़ों लोग �क पार�टी में शामिल होते हैं और आम लोग �कज�ट होते हैं, तो वे आम आदमी पार�टी (आप) की विचारधाराओं, मूल�यों और सिद�धांतों से ज�ड़ते हैं। लेकिन अब यह कमजोर होती दिखाई दे रही है। विचारधारा-सिद�धांत का कमजोर होना रातोंरात नहीं होता, इसमें समय लगता है। जब म��े �सा लगा तो मैंने पार�टी छोड़ दी।’

डरकर नहीं छोड़ी पार�टी
पार�टी छोड़ने पर आप की पहली प�रतिक�रिया पर भाजपा नेता कैलाश गहलोत ने कहा. ‘2018 में मेरे घर पर आयकर विभाग की छापेमारी ह�ई थी, लेकिन मैं डरा नहीं। उस समय भी म��पर दबाव रहा होगा। सीबीआई ने म��से पूछताछ की और जितनी बार ब�लाया गया, मैं उनके सामने पेश ह�आ। मैंने उनके सभी सवालों के जवाब दि�। तो उस समय भी डर रहा होगा। मेरी ईडी-सीबीआई पूछताछ के बारे में कोई नहीं जानता, मेरा मानना ​​है कि हर बात प�रेस कॉन�फ�रेंस करके बताना या हर छोटी-छोटी बात पर प�रेस कॉन�फ�रेंस करना जरूरी नहीं है। जब ईडी ने म��े समन भेजा तो मैं उनके सामने पेश ह�आ। मैंने उनके सवालों के जवाब दि� और हर संभव तरीके से सहयोग किया। तो उस समय भी डर रहा होगा। अभी मेरे खिलाफ कोई समन लंबित नहीं है। अभी कोई जांच लंबित नहीं है। तो यह डर किस बात का है। कल भी मैंने कहा था कि मैंने कभी डर या दबाव में काम नहीं किया और म�� पर कोई दबाव नहीं है।’

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