मध्यप्रदेश

सी�म सैनी ने कहा कि पंजाब के नेताओं ने तो सतल�ज&यम�ना लिंक नहर के मसले का भी राजनीतिकरण किया

चंडीगढ़
हरियाणा विधानसभा में राजधानी चंडीगढ़ पर नियंत�रण का सवाल उठा है। नया विधानसभा परिसर चंडीगढ़ में बनाने के फैसले का पंजाब सरकार ने विरोध किया है और इसे लेकर हरियाणा विधानसभा में भी चर�चा ह�ई है। इस बारे में लंबा मंथन चला और सी�म नायब सिंह सैनी ने कहा कि सभी दलों को इस मामले में �कज�ट होकर साथ आना चाहि�। उन�होंने कहा कि चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनने का विरोध करना गंभीर मामला है। इसमें आप सभी लोग दल से परे होकर साथ दें। वहीं इस पर बात करते ह�� पूर�व सी�म भूपिंदर सिंह ह�ड�डा ने कहा कि सरकार को चंडीगढ़ पर दावा नहीं छोड़ना चाहि�।

भूपिंदर ह�ड�डा ने कहा, ‘सरकार को चंडीगढ़ पर अपने अधिकार से पीछे नहीं हटना चाहि�। विधानसभा वहीं बननी चाहि�, जहां जमीन का आवंटन ह�आ है। उसे दूर नहीं ले जाना चाहि�। इसके अलावा पंजाब के साथ पानी के बंटवारे और हिंदी भाषी गांवों पर अधिकार के मसले को भी जोरदारी से रखना चाहि�।’ उनके अलावा कांग�रेस के सीनियर लीडर अशोक अरोड़ा ने भी कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी बराबर अधिकार है। अरोड़ा ने कहा, ‘चंडीगढ़ दोनों राज�यों की सा�ा राजधानी है। यह तब रहेगी, जब तक पंजाब हमें अबोहर और फाजिल�का के 107 हिंदी भाषी गांव नहीं दे देता। उन�होंने हमारे पानी के हिस�से को भी नियंत�रण में रखा है।’

अरोड़ा ने कहा कि सतल�ज-यम�ना लिंक नहर के माध�यम से �सा हो रहा है, जबकि स�प�रीम कोर�ट ने आदेश भी जारी कर दिया है। उन�होंने कहा कि पंजाब के नेता अकसर गैर-जिम�मेदाराना बयान देते हैं। उन�होंने कहा कि हमें अपने न� विधानसभा परिसर के बदले में पंजाब को किसी तरह के धन या फिर जमीन नहीं देनी चाहि�। इस बहस पर विधानसभा स�पीकर हरविंदर कल�याण ने कहा कि इस पर सभी दलों को मंथन करना चाहि�। जब तक सर�वदलीय मीटिंग में इस पर चर�चा नहीं होती, तब तक असेंबली में भी इस पर चर�चा नहीं कराई जा सकती।

सी�म सैनी ने कहा कि पंजाब के नेताओं ने तो सतल�ज-यम�ना लिंक नहर के मसले का भी राजनीतिकरण किया है। �सा तब ह�आ है, जबकि स�प�रीम कोर�ट ने हरियाणा के किसानों के हित में फैसला स�नाते ह�� कहा है कि उनका भी जल पर अधिकार है। इस तरह स�प�रीम कोर�ट के आदेश को भी किनारे लगाने का मामला देश में पहली बार दिखता है। अब तो वे लोग चंडीगढ़ में हमारी नई विधानसभा बनने का भी विरोध कर रहे हैं। हमारे यहां 2026 में परिसीमन होना है और उससे पहले हम नई विधानसभा बना रहे हैं ताकि ज�यादा संख�या में विधायकों के बैठने की व�यवस�था बन सके। उन�होंने कहा कि विधानसभा में �कमत से जो फैसला होगा, उस पर हम आगे बढ़ेंगे।

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