ट�रंप अपनी नई कैबिनेट के कई सारे सदस�यों को च�न च�के हैं, भारतीय मूल की त�लसी उड़ा रहीं पाकिस�तान की नींद

वॉशिंगटन
अमेरिका में डोनाल�ड ट�रंप अपनी नई टीम च�न रहे हैं। बतौर अमेरिकी राष�ट�रपति यह उनका दूसरा टर�म होगा। ट�रंप अपनी नई कैबिनेट के कई सारे सदस�यों को च�न च�के हैं। ट�रंप कैबिनेट में जिन चेहरों को च�ना गया है, उसने पाकिस�तान की रातों की नींद उड़ा दी है। इन चेहरों में भारतीय मूल की त�लसी गोबार�ड भी हैं, जो पहले भी पाकिस�तान को निशाने पर लेती रही हैं। इसको लेकर पाकिस�तान के पॉलिसी मेकर�स, थिंक टैंक�स और पाकिस�तानी सेना के तमाम अधिकारियों में भी काफी बेचैनी है। असल में ट�रंप की टीम के न� सदस�यों, जिनमें सेक�रेट�री ऑफ स�टेट, रक�षा सचिव, राष�ट�रीय स�रक�षा सलाहकार और जासूसी �जेंसी सीआई� चीफ, सभी पाकिस�तान के म�खर आलोचक रहे हैं। अमेरिकी विदेश नीति से ख�द को खारिज होता देख पाकिस�तान न� सिरे से रणनीति बनाने में ज�ट गया है। �क नजर ट�रंप सरकार के उन चेहरों पर, जिसने पाकिस�तान को परेशान कर दिया है।

मार�को र�बियो, सेक�रेट�री ऑफ स�टेटसीनेटर मार�को र�बियो को ट�रंप सरकार में सेक�रेट�री ऑफ स�टेट बनाया गया है। मार�को र�बियो अमेरिका में भारत समर�थित बिल पेश कर च�के हैं। इसमें पाकिस�तान को लेकर चिंता भी जताई जा च�की है। �से में मार�को को लेकर पाकिस�तान के रावलपिंडी स�थित सैन�य म�ख�यालय में घंटियां बजने लगी हैं। र�बियो के प�रस�तावित बिल में भारत के खिलाफ आतंकवाद प�रायोजित करने में पाकिस�तान का हाथ बताया गया है। इसमें कहा गया था कि पाकिस�तान सरकार समर�थित प�रॉक�सी ग�र�प�स के जरि� भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। �से में उसे अमेरिका से किसी तरह की मदद नहीं मिलनी चाहि�।

‘यू�स-इंडिया डिफेंस को-ऑपरेशन �क�ट’ नाम के इस बिल में र�बियो ने सिर�फ पाकिस�तान ही नहीं, बल�कि चीन पर भी निशाना साधा था। उन�होंने क�षेत�र में चीन के बढ़ते दखल की काट के तौर पर भारत से रक�षा सहयोग बढ़ाने की बात कही थी। बिल के म�ताबिक अमेरिका को सलाह दी गई थी कि वह टेक�नोलॉजी ट�रांसफर के मामले में भारत के साथ-साथ जापान, इजरायल, दक�षिण कोरिया और नाटो को शीर�ष सहयोगी सम�े। साथ ही भारत को रक�षा, तकनीक, रक�षा निवेश और सिविल स�पेस में सहयोग के जरि� पूरा स�रक�षा सहयोग देने की बात भी कही गई है।

माइकल वॉल�ट�ज, राष�ट�रीय स�रक�षा सलाहकार
ट�रंप प�रशासन के �क अन�य अहम नाम, माइकल वॉल�ट�स भी पाकिस�तान के ध�र आलोचक रहे हैं। उनके राष�ट�रीय स�रक�षा सलाहकार बनने से भी पाकिस�तान की भौहें तनी ह�ई हैं। वॉल�ट�ज पूर�व में पाकिस�तान को आतंकवाद को लेकर कड़ी नसीहत दे च�के हैं। उन�होंने कहा था आतंकवाद विदेश नीति का टूल नहीं हो सकता। चाहे लश�कर-�-तैयबा हो या कोई अन�य आतंकी संगठन, स�वीकार नहीं होगा। पाकिस�तान सरकार, सेना और आई�सआई को इनसे बाहर निकलना होगा। उन�होंने पाकिस�तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का दोषी बताया था। साथ ही सीमा पार आतंकवाद पर लगाम लगाने की भी सलाह दी थी।

त�लसी गाबार�ड, नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक�टर
क�छ �सा ही रवैया त�लसी गाबार�ड भी रहा है। ट�रंप प�रशासन में राष�ट�रीय ख�फिया निदेशक की अहम पोस�ट हासिल करने वाली त�लसी पाकिस�तान से सीमा पार आतंकवाद को लेकर भारत के साथ रही हैं। 2019 में प�लवामा हमले के बाद उन�होंने ख�लकर भारत का साथ दिया था। इसके अलावा वह पाकिस�तान को अलकायदा प�रम�ख ओसामा बिन लादेन को शरण देने के लि� लताड़ लगा च�की हैं। ओसामा साल 2011 में पाकिस�तान के �बटाबाद में अमेरिकी नैवी सील के ऑपरेशन में मार गिराया गया था।

जॉन रैटक�लिफ, सीआई� चीफ
सीआई� के अगले प�रम�ख जॉन रैटक�लिफ को चीन और ईरान के प�रति उनके तीखे नजरि� के लि� जाना जाता है। वह इस�लामाबाद की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखेंगे। �से में विश�लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में इस�लामाबाद के लि� अमेरिका के साथ संबंध निभाने में म�श�किल आ�गी। अमेरिका की तरफ से पाकिस�तान के पी�म शहबाज शरीफ को आतंकवाद और आतंकियों पर कार�रवाई के लि� दबाव बढ़ना भी तय है। साथ ही यह भी सम� में आ रहा है कि डोनाल�ड ट�रम�प के मंत�रिमंडल के चयन पाकिस�तान के लि� �क संदेश है कि इस�लामाबाद उनकी प�राथमिकता सूची में नहीं है।

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