December 18, 2024

धर्मं

विश्व-विधान, नियतिचक्र की अनुभूति के लिए विवेकयुक्त, निरपेक्ष बुद्धि की आवश्यकता है। अविवेकी, अज्ञ मनुष्य अपने जीवन...
गणेशजी का बड़ा पेट उदारता और संपूर्ण स्वीकार को दर्शाता है। गणेशजी का ऊपर उठा हुआ हाथ...