जो मिले, जब मिले और जितना मिले उसी में संतुष्ट रहना आपको स्वयं तो आनंद से भर...
धर्मं
* सुनी चहहिं प्रभु मुख कै बानी। जो सुनि होइ सकल भ्रम हानी॥ अंतरजामी प्रभु सभ जाना।...
बहुधा लोग आनन्द और सुख को पर्यायवाची समझते है किन्तु वस्तुतः आनन्द और सुख सर्वथा भिन्न हैं।...
भगवान राम के तीखे वाणों से दशानन धराशायी हो गया। भगवान जानते थे कि एक महा ज्ञानी,...
श्री राधा नित्य किशोरी वृन्दावन विहारिणी बनराज रानी निकुंजेश्वरी रूप रँगीली छबीली रसीली रस नागरी लाडिली प्यारी...
सनत्कुमार जी बोले ;– जब युद्ध की सामग्रियों को साथ में लेकर भगवान सदाशिव अपने दिव्य रथ...
व्यासजी बोले ;— हे सनत्कुमार जी ! आप परम शिवभक्त हैं और ब्रह्माजी के पुत्र हैं। आप...
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।...
एक पंडित रोज रानी के पास कथा करता था। कथा के अंत में सबको कहता कि ‘राम...
माता पार्वती भगवान शंकर से पूछती हैं,,,,, *प्रभु जे मुनि परमारथबादी। कहहिं राम कहुँ ब्रह्म अनादी॥ सेस...