May 10, 2025

धर्मं

विश्व-विधान, नियतिचक्र की अनुभूति के लिए विवेकयुक्त, निरपेक्ष बुद्धि की आवश्यकता है। अविवेकी, अज्ञ मनुष्य अपने जीवन...