Category: dharm

सन्त इत्र की तरह होते हैं जो पास से भी गुजर जाएं तो शख्सियत सँवर जाती है और भाग्य वश यदि कोई सिद्ध सन्त जीवन मे आ जाये तो जीवन एक सुंदर झील के समान हो जाता है अतः जितना हो सके सन्तो का संग करें..!!

एक बार एक मानव एक सन्त के पास गया और बोला आप मुझे दीक्षा देकर मेरा उद्धार कीजिये परन्तु मेरी कुछ मांगों को पूरा करके मुझ पर कृपा करें आशा…

महर्षि उत्तम स्वामी बड़वानी पहुंचे, रोहिणी तीर्थ किनारे 5 फीट की अगरबत्ती जलाई

◾मानस टुडे न्यूज नेटवर्क बड़वानी ✍️इम्तियाज़ खान intu महर्षि उत्तम स्वामी जी का शनिवार दोपहर दो बजे शहर आगमन हुआ। इस अवसर पर स्वामीजी रोहिणी तीर्थ राजघाट तट। यहां नामांकित…

ग्राम ग्राम चली गायत्री परिवार की श्रद्धा संवर्धन अखंड दीप यात्रा

मानस टुडे न्यूज नेटवर्क बड़वानी इम्तियाज खान intu युग तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के मार्ग दर्शन में गायत्री परिवार की मातृ शक्ति भगवती देवी जी शर्मा के 100 वर्ष होने के…

बड़वानी… 84 फिट ऊंचे भगवान आदिनाथ के हुए मस्तकाभिषेक,

◾ पानी अमूल्य है,उसे बेचा नही , बांटा जाता है। आर्यिका रत्न विज्ञान मति जी माताजी ◾ 84 फिट ऊंचे भगवान आदिनाथ के हुए मस्तकाभिषेक बड़वानी(निप्र)। पानी अमूल्य है उसे…

गीता को स्पर्श करने का अर्थ है आप श्रीनारायण के अंगों का स्पर्श कर रहे हैं

भगवान श्रीहरि मूर दैत्य का नाश करने के बाद बैकुंठ लोक में शेष शय्या पर आंखें मूंदे लेटे मन ही मन मुस्कुरा रहे थे. देवी लक्ष्मी उनकी चरण सेवा कर…

एक विद्वान् संत को आदत थी हर बात पे ये कहने की – जय शिव शंकर ,ॐ नमों नारायण नारायण , प्रभु तेरा शुक्रिया है तू जो करता है अच्छा ही करता है

एक विद्वान् संत को आदत थी हर बात पे ये कहने की – जय शिव शंकर ,ॐ नमों नारायण नारायण , प्रभु तेरा शुक्रिया है तू जो करता है अच्छा…

धरती पर पहली बार महर्षि भृगु ने ही अग्नि का उत्पादन करना सिखाया था।

महर्षि भृगु की वंशावली भृगु से भार्गव, च्यवन, और्व, आप्नुवान, जमदग्नि, दधीचि आदि के नाम से गोत्र चले। यदि हम ब्रह्मा के मानस पुत्र भृगु की बात करें तो वे…

चण्डकौशिक मुनि के द्वारा जरासंध का भविष्य कथन तथा पिता के द्वारा उसका राज्याभिषेक करके वन में जाना

श्रीकृष्ण कहते हैं ;- राजन्! कुछ काल के पश्चात् महातपस्वी भगवान् चण्डकौशिक मुनि पुनः मगधदेश में घूमते हुए आये। उनके आगमन से राजा बृहद्रथ को बड़ी प्रसन्नता हुई। वे मन्त्री,…

शिवलिंग के पूजन से श्रीकृष्ण और अर्जुन को अजेयता की प्राप्ति

‘जयद्रथ को यदि सूर्यास्त के पहले न मार सकूं तो मैं चिता-प्रवेश’ करुंगा’—ऐसी प्रतिज्ञा जब अर्जुन ने की, तब सारी रात भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को शिवलिंग – पूजन में…

श्री रामचरितमानस लिखने के दौरान तुलसीदास जी ने लिखा –

सिय राम मय सब जग जानी ; करहु प्रणाम जोरी जुग पानी ! अर्थात सब में राम हैं और हमें उनको हाथ जोड़ कर प्रणाम करना चाहिये ! यह लिखने…