एल्सटॉम ने भारतीय रेलवे को नागपुर डिपो से 300वें WAG12Bइलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की सफल डिलीवरी की फ्लैग-ऑफ के लिए श्री नरेश लालवानी, जनरल मैनेजर, मध्य रेलवे समारोह में उपस्थित रहे

4 अप्रैल स्मार्ट और सस्टेनेबल मोबिलिटी में ग्लोबल लीडर, एल्सटॉम (Alstom)
द्वारा भारतीय रेलवे को सफलतापूर्वक 300 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स की डिलीवरी की गई है।
यह भारतीय रेलवे में मालगाड़ियों को भार ढुलाई के लिए तेज गति और माल ढुलाई के लक्ष्यों को पूरा करने
की क्षमता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है । एल्सटॉम माल ढुलाई सेवा के
लिए €3.5 बिलियन मूल्य के अपने कॉन्ट्रैक्ट के तहत, 12,000 एचपी (9 मेगावाट) के 800 उच्च
शक्ति वाले डबल-सेक्शन लोकोमोटिव्स सप्लाई कर रहा है। ये लोकोज़ भारतीय रेलवे द्वारा
डब्ल्यूएजी-12बी के रूप में नामित हैं, जो ~ 6,000 टन रेक को 120 किमी / घंटा की शीर्ष गति
से खींचने की क्षमता रखते हैं।
डिलीवरी की इस उपलब्धि को चिह्नित करते हुए, एल्सटॉम के नागपुर स्थित अत्याधुनिक
लोकोमोटिव मेंटेनेंस डिपो से 300वें ई-लोको को रवाना किया गया, जिसका उद्घाटन विगत वर्ष
दिसंबर में माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के करकमलों द्वारा किया गया था। उद्घाटन समारोह
में श्री नरेश लालवानी, जनरल मैनेजर, मध्य रेलवे के साथ ही एल्सटॉम के वरिष्ठ अधिकारी और
भारतीय रेलवे के अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
दर्शकों को संबोधित करते हुए, श्री नरेश लालवानी, जनरल मैनेजर, मध्य रेलवे, ने कहा, "बीते कुछ
वर्षों में भारतीय रेलवे में माल संचालन को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने में आए हैं, और
इस क्राँतिकारी बदलाव में एल्सटॉम का योगदान सराहनीय है। भारतीय रेलवे और एल्सटॉम के
बीच यह जॉइंट वेंचर माल ढुलाई सेवा के लिए भारत के सबसे शक्तिशाली इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स
बनाने की प्रतिबद्धता का एक शानदार उदाहरण है। यह माल ढुलाई क्षेत्र के विकास को गति देने
में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यहाँ निर्मित विश्व स्तरीय प्रोडक्ट्स और सर्विसेस की गुणवत्ता,
सरकार के 'मेक इन इंडिया', 'स्किल इंडिया' और ग्रीन मोबिलिटी पहलों के अनुरूप है। यह एल्स्टॉम
द्वारा प्रोत्साहित किए जा रहे वर्कप्लेस कल्चर के साथ मिलकर निश्चित रूप से हमारे उद्योग के
लिए नए मानदंड स्थापित करेगा।"
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इस अवसर पर बोलते हुए, ओलिवियर लोइसन, मैनेजिंग डायरेक्टर, एल्सटॉम इंडिया, ने कहा,
"भारत सरकार लॉजिस्टिक लागत को कम करने को प्राथमिकता देने के लिए प्रयासरत है, जो कि
अर्थव्यवस्था को $ 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था लक्ष्य की दिशा प्रदान करने के बारे में है। इस लक्ष्य को
प्राप्त करने में भारतीय रेल की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और इसके लिए उसे अपनी ढुलाई क्षमता
को मजबूत करने की आवश्यकता है। एल्सटॉम डब्ल्यूएजी-12बी लोकोमोटिव में तेज गति से अधिक
भार ढोने की क्षमता है, इस प्रकार यह कई रूपों में सक्षम है। 300वीं लोको डिलीवरी हमारे लिए
बड़ी उपलब्धि है। हम अधिक लोकोमोटिव्स डिलीवर करना जारी रखेंगे, और हमें विश्वास है कि
यह साझेदारी देश की लॉजिस्टिक क्षमताओं को बढ़ावा देने में कारगर साबित होगी।"
इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत, एल्सटॉम का नागपुर डिपो सीरीज़ 60251 से शुरू होने वाले 250
डब्ल्यूएजी-12बी ई-लोको का रखरखाव करेगा। यह डिपो नवीनतम तकनीकों और सुविधाओं से
सुसज्जित है, जो काफी कम लागत पर भारत के सबसे उन्नत माल इंजनों के सक्रिय रखरखाव को
सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। डिपो में हाईटेक उपकरणों के साथ रखरखाव के लिए 12 ट्रैक्स
शामिल हैं। साथ ही यह सेंटर्ड फ्लीट मॉनिटरिंग (सीएफएम) सिस्टम को भी शामिल करता है, जो
हेल्थ हब और ट्रेन ट्रेसर सिस्टम के जरिए फ्लीट की दूर से निगरानी करता है। प्रॉम्प्ट रिस्पॉन्स
टीम (पीआरटी) को 24 x 7 लोको अटेन्शन के लिए डिप्लॉय किया गया है। वर्षा जल संचयन,
अपशिष्ट ट्रीटमेंट प्लांट और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का उपयोग करके जीरो डिस्चार्ज, 100%
एलईडी लाइट्स, डेलाइट पैनल, ऑक्यूपेंसी सेंसर, हरियाली और 1 मेगावाट रूफटॉप सोलर प्लांट
के लिए प्रावधान जैसी हरित विशेषताओं को शामिल करता है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में डिपो
के बाद एल्सटॉम द्वारा स्थापित यह दूसरी ऐसी सुविधा है, जिसमें भारतीय रेलवे को पहले 250
लोकोमोटिव्स डिलीवर किए गए हैं।
नागपुर डिपो, 7 महीने से अधिक समय से संचालित हो रहा है और इसने नागपुर फ्लीट के लिए
1.6+ मिलियन सर्विस डिफेक्ट-फ्री किलोमीटर्स रिकॉर्ड दर्ज किया है। यह साइट पब्लिक प्राइवेट
पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के लिए एक सफलता की कहानी है, जहाँ सुपरवाइज़र्स एल्सटॉम से हैं
और टेक्निशियंस भारतीय रेलवे से हैं।
एल्सटॉम और भारतीय रेलवे के संयुक्त उद्यम के तहत मधेपुरा (बिहार) में भारत की सबसे बड़ी
इंटीग्रेटेड ग्रीनफील्ड मैनुफेक्चरिंग सुविधाओं में से एक में डब्ल्यूएजी-12बी लोको का निर्माण किया
जा रहा है। यह भारतीय रेलवे क्षेत्र का सबसे बड़ा फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट है। इस
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सुविधा के तहत प्रति वर्ष 120 लोकोमोटिव की स्थापित प्रोडक्शन कैपेसिटी है और एल्सटॉम धीरे-
धीरे लगभग 90% स्वदेशीकरण तक पहुँच गया है। देश के भीतर निर्मित इन शक्तिशाली ई-लोको
के साथ, भारत स्वदेशी रूप से अधिक-हॉर्सपावर लोकोमोटिव बनाने वाले देशों के क्लब में शामिल
होने वाला दुनिया का छठा देश बन गया है।
डब्ल्यूएजी-12बी लोकोमोटिव्स ने दो साल पहले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के पहले, पूरी तरह से
ऑपरेशनल सेक्शंस पर अपनी शुरुआत की थी। इन ई-लोको द्वारा ले जाए जाने वाली कुछ प्रमुख
वस्तुओं में 17 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से कोयला, सीमेंट, खाद्यान्न, फर्टिलाइज़र्स,
पेट्रोकैमिकल प्रोडक्ट्स, मिनरल्स और पोस्ट/पार्सल शामिल हैं। इंसुलेटेड गेट बाइपोलर ट्रांज़िस्टर
(आईजीबीटी) आधारित प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी से लैस, इस ई-लोको में रिजनरेटिव ब्रेकिंग के उपयोग
से ऊर्जा की खपत में काफी बचत होगी। यह टेक्नोलॉजी हीट जनरेशन और ट्रैक्शन की आवाज़ को
कम करके, त्वरण प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने में भी सहायक है। इसके अलावा, यह न
सिर्फ ऑपरेशनल लागत को कम करेगा, बल्कि उस भीड़ को भी कम करेगा, जिसका सामना
भारतीय रेलवे को करना पड़ता है।
एल्सटॉम ग्रुप का ट्रेडमार्क एल्सटॉम TM और प्राइमा टी8 TM डब्ल्यूएजी-12बी द्वारा संरक्षित है।