रूहानियत के रहनुमा - हजूर बाबा सावन सिंह जी महाराज

रूहानियत के रहनुमा - हजूर बाबा सावन सिंह जी महाराज
 
रूहानियत के रहनुमा - हजूर बाबा सावन सिंह जी महाराज

2 अप्रैल को हजूर बाबा सावन सिंह जी महाराज के 75वें बरसी भंडारे का कार्यक्रम उत्तरी दिल्ली  स्थित कृपाल बाग में आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए। हजूर को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने उनकी याद में भक्ति-भाव से परिपूर्ण भजनों का गायन किया।


इस अवसर पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज का विडियो सत्संग प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने  कहा कि, ”हम सब बड़े ही भाग्यशाली हैं कि हमें हजूर बाबा सावन सिंह जी महाराज जैसे पूर्ण संतों के चरण-कमलों में बैठने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। वो खुद प्रभु का रूप थे और प्रभु स्वयं उनके अंदर बसे हुए थे अर्थात वे इंसानी शरीर में चलते-फिरते खुदा थे। उन्होंने लाखों लोगों पर रूहानियत की दौलत की बरखा करके उन्हें पिता-परमेश्वर की ज्योति और श्रुति से जोड़ दिया।“


संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने पिछली शताब्दी के महान संत द्वारा दिखाए गए आध्यात्मिक मार्ग को समझाते हुए कहा कि उनके द्वारा दिया गया प्रेम, एकता और रूहानियत का संदेश किसी आस्था या धर्म से संबंधित न होकर पूरे विश्व के लिए था। वो हमें समझाया करते थे कि हम नम्रता, और आदरभाव से अपनी ज़िंदगी गुज़ारते हुए एक ऐसी ज़िंदगी जियें जोकि प्रेम और शांति की बुनियाद पर आधारित हो।“ उसके पश्चात हजूर बाबा सावन सिंह जी महाराज के जीवन की महत्त्वपूर्ण झलकियां एक फिल्म के रूप में दिखाई गईं, जिसमें उनके द्वारा उस समय के लोगों पर की गई प्रभु-प्रेम की दयामेहर को प्रदर्शित किया गया था।


इस अवसर पर सावन कृपाल रूहानी मिशन की ओर से शांति अवेदना सदन, राज नगर, नई दिल्ली में मिशन के सेवादारों ने स्वयं अपने हाथों से कैंसर से पीड़ित भाई-बहनों को दवाईयां, फल, सब्जियाँ व अन्य दैनिक जीवन की उपयोगी वस्तुओं का वितरण किया।
हजूर बाबा सावन सिंह जी महाराज का जन्म 27 जुलाई 1858 को ग्राम महिमासिंहवाला, जिला लुधियाना, पंजाब में हुआ। वे अपने सत्संगों के ज़रिये समझाया करते थे कि पिता-परमेश्वर की संतान होने के नाते हम सब आपस में बहन-भाई हैं और हममें से हरेक उन्हें पा सकता है जोकि हमारे इस मनुष्य जीवन का मुख्य उद्देश्य है।


उन्होंने मानव-जाति के कल्याण हेतु आध्यात्मिक जागृति की भविष्यवाणी की थी कि पश्चिम के देशों में रूहानियत बड़ी तेजी से फैलेगी। उनके पश्चात परम संत कृपाल सिंह जी महाराज और संत दर्शन सिंह   जी महाराज ने विश्वभर में अनेक यात्राएं करके रूहानियत की इस तालीम को जन-जन तक पहुँचाया और आज भी वो रूहानी कार्य सावन कृपाल रूहानी मिशन के अध्यक्ष संत राजिन्दर सिंह जी महाराज द्वारा हम सबका मार्गदर्शन कर रहा है।
सावन कृपाल रूहानी मिशन के अध्यक्ष संत राजिन्दर सिंह जी महाराज आज संपूर्ण विश्व में ध्यान-अभ्यास द्वारा प्रेम, एकता व शांति का संदेश प्रसारित कर रहे हैं, जिसके फलस्वरूप उन्हें विभिन्न देशों द्वारा अनेक शांति पुरस्कारों व सम्मानों के साथ-साथ पाँच डॉक्टरेट की उपाधियों से भी सम्मानित किया जा चुका है।


सावन कृपाल रूहानी मिशन के संपूर्ण विश्व में 3200 से अधिक केन्द्र स्थापित हैं तथा मिशन का साहित्य विश्व की 55 से अधिक भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। इसका मुख्यालय विजय नगर, दिल्ली में है तथा अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय नेपरविले, अमेरिका में स्थित है।
 

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