भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय और इंडिया फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन भोपाल में

भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय और इंडिया फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन भोपाल में
 

भोपाल में कल 3 मार्च से 7वें अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। धर्म-धम्म सम्मेलन में 15 देशों के प्रतिनिधि और 5 देशों के संस्कृति मंत्री शामिल होंगे। नए युग में मानववाद के सिद्धांत पर केंद्रित सम्मेलन 3 से 5 मार्च तक कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय सभागार में होगा। अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का आयोजन सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय और इंडिया फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है।

धर्म-धम्म के वैश्विक विचारों को एक मंच साझा करने वाले इस सम्मेलन में 16 देशों से 350 से अधिक विद्वान शामिल हो रहे हैं। इसमें भूटान, मंगोलिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाइलैंड, वियतनाम, नेपाल, दक्षिण कोरिया, मॉरिशस, रूस, स्पेन, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन की सहभागिता रहेगी। सम्मेलन के उद्घाटन में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश की संस्कृति और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर भी मौजूद रहेंगी।

इन देशों के आएंगे संस्कृति मंत्री
तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में 4 मुख्य सत्र होंगे। इसी दौरान 15 समानान्तर-सत्र भी होंगे, जिसमें सम्मेलन की थीम नए युग में मानववाद का सिद्धांत पर केंद्रित 115 शोध-पत्र पढ़े जाएंगे। इस सम्मेलन में पहली बार एक अनूठा मंत्री-सत्र भी होगा, जिसमें 5 देशों के मंत्री सांस्कृतिक, सामंजस्य और विभिन्न विषय पर चर्चा करेंगे। इस सत्र में भूटान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, नेपाल और भारत के संस्कृति मंत्री शामिल होंगे।

कार्यक्रमों में मप्र की सांस्कृतिक धरोहर की भी होगी प्रस्तुति
यह सम्मेलन भारत से प्रतिपादित मानवीय मूल्यों के वैश्विक असर को रेखांकित करता है। पश्चिम के देशों में भारतीय संस्कृति और दर्शन से प्रतिपादित सिद्धातों के प्रति बहुत जिज्ञासा है और साची विश्व विद्यालय इसी दिशा में शोध और अध्ययन पर केंद्रित है। सम्मेलन के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मध्यप्रदेश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर की प्रस्तुति की जाएगी। इसमें जनजातीय नृत्य और देश-विदेश में प्रसिद्धि पा चुके मध्यप्रदेश की धूलिया जनजाति के गुदुमबाजा का भी प्रदर्शन होगा। साथ ही मां नर्मदा को समर्पित लोकगीतों की प्रस्तुति भी होगी।

पहले दिन उद्घाटन-सत्र के अतिरिक्त एक अनूठा मंत्री सत्र भी होगा, जिसमें 5 देशों के मंत्री सांस्कृतिक सामंजस्य और विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। इस सत्र में भूटान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, नेपाल और भारत के मंत्री शामिल होंगे। कीनोट-सत्र में राम जन्म-भूमि न्यास के सचिव स्वामी श्री गोविंद देव गिरी महाराज, श्रीलंका के प्रो. कोटापितिये राहुल अनुष्का थेरो और स्वामीनारायण शोध संस्थान अक्षरधाम के महोमुखोपाध्याय श्री साधु भद्रेश दास अपने विचार व्यक्त करेंगे। मुख्य-सत्र में अमेरिका से प्रो. डेविड फ्रॉले, ब्रिटेन के डॉ. इयान बेकर, दक्षिण कोरिया के प्रो. जियो ल्योंग ली, थाइलैंड से डॉ. सुपची वीरपुचांग, चिन्मय मिशन के स्वामी मित्रानंद और पंजाब केंद्रीय विवि के चासंलर प्रो. जगबीर सिंह मौजूद रहेंगे।

यह सम्मेलन भारत से प्रतिपादित मानवीय मूल्यों के वैश्विक असर को रेखांकित करता है। पश्चिम के देशों में भारतीय संस्कृति और दर्शन से प्रतिपादित सिद्धातों के प्रति बहुत जिज्ञासा है और साँची विश्व विद्यालय इसी दिशा में शोध और अध्ययन पर केंद्रित है।

सम्मेलन के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मध्यप्रदेश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर की प्रस्तुति की जाएगी। इसमें जनजातीय नृत्य और देश-विदेश में प्रसिद्धि पा चुके मध्यप्रदेश की धूलिया जनजाति के गुदुमबाजा का भी प्रदर्शन होगा। साथ ही माँ नर्मदा को समर्पित लोकगीतों की प्रस्तुति भी होगी।

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