ग्राम घोधटपुर के श्री रमेशचंद्र मेरोठा एवं श्री श्याम सुन्दर पाटीदार द्वारा प्राकृतिक कृषि पद्धति से एक बीघा भूमि से जैविक सब्जियों का उत्पादन किया गया

ग्राम घोधटपुर के श्री रमेशचंद्र मेरोठा एवं श्री श्याम सुन्दर पाटीदार द्वारा प्राकृतिक कृषि पद्धति से एक बीघा भूमि से जैविक सब्जियों का उत्पादन किया गया। कृषक श्री मेरोठा एवं श्री पाटीदार द्वारा उपसंचालक कृषि सह परियोजना संचालक आत्मा एवं उपसंचालक उद्यानिकी विभाग द्वारा सलाह दी गई थी की प्रकृतिक कृषि पद्धति में अपने घर के उपयोग हेतु सब्जियों का उत्पादन करें। इससे प्रेरित होकर दोनों कृषक कृषि मेला उज्जैन गए, वहां से करेले का बीज लेकर आए और इनका प्राकृतिक कृषि पद्धति से उत्पादन किया।
इन बीजों को बिजामृत द्वारा बीज उपचारीत कर बुवाई की, इसके बाद समय-समय पर जीवामृत का छिड़काव किया तथा भूमि में वर्मी कंपोस्ट मिलाया एवं वर्मीवास करेला की फसल पर टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया, सब्जियों में किसी प्रकार के कीट न लगे,इसके लिए समय-समय पर नीमास्त्र एवं ब्रह्मास्त्र का छिड़काव किया। जिससे सब्जियों पर किसी प्रकार के कीट या रोग नहीं लगे। प्राकृतिक पद्धति से उत्पादित सब्जियां स्वाद में बहुत अच्छी एवं उनका आकार सामान्य से ज्यादा है। प्राकृतिक कृषि में उत्पादित उत्पाद सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। किसान भाइयों से आग्रह है कि प्राकृतिक पद्धति से सब्जियों का उत्पादन कर इस्तेमाल करने से स्वस्थ एवं रोग से मुक्त रहेंगे। एक बीघा सब्जियों की फसल से निम्न सब्जियों का प्रति सप्ताह उत्पादन प्राप्त हो रहा है। जिसमें स्वास्थ्य करेले की औसतन लंबाई 35 से 45 सेंटीमीटर है। सब्जियों में प्रति सप्ताह अनुमानित उत्पादन कि.ग्रा. में करेला 75, गिलकी 60, खीरा 150, लौकी 160, कद्दू 150 शामिल है।