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विदेश

बांग�लादेश सरकार ने ISKCON को धार�मिक कट�टरपंथी संगठन बताया, बैन की तैयारी

ढाका

पड़ोसी म�ल�क बांग�लादेश इस समय भारी उथल-प�थल से ग�जर रहा है. हिंद�ओं पर हमले और धर�मग�र� चिन�मय प�रभ� की गिरफ�तारी के बाद ISKCON पर बैन लगाने की तैयारी की जा रही है. इस संबंध में हाईकोर�ट में याचिका दायर की गई है.

इस बीच बांग�लादेश सरकार ने ISKCON को धार�मिक कट�टरपंथी संगठन बता दिया है. हाईकोर�ट में बांग�लादेश के अटॉर�नी जनरल ने कहा कि यह सरकार का म�ख�य �जेंडा है और इसके लि� जरूरी तैयारी श�रू कर दी गई है. इसका मतलब है कि ISKCON पर जल�द ही बैन लगेगा.

अटॉर�नी जनरल ने कोर�ट को बताया कि ISKCON �क धार�मिक कट�टरपंथी संगठन है. इस पर कोर�ट ने उन�हें निर�देश दिया कि वह इस�कॉन पर सरकार के र�ख और देश की मौजूदा स�थिति का खाका पेश करे. कोर�ट ने सरकार को सचेत रहने को कहा है ताकि देश में कानून �वं व�यवस�था की स�थिति नहीं बिगड़े.

हाईकोर�ट की जस�टिस फराह महबूब और जस�टिस देबाशीष रॉय की पीठ ने इस संबंध में कहा कि इससे पहले �क वकील ने इस�कॉन पर बैन लगाने के लि� याचिका दायर की और चटगांव में वकील सैफ�ल आलम की हत�या सहित पूरी स�थिति को कोर�ट के संज�ञान में लेकर आया. इस पर अब कोर�ट ने सरकार से पूछा है कि इस�कॉन संगठन क�या है? यह कहां से आया है? इस पर अटॉर�नी जनरल ने कहा कि यह कोई राजनीतिक दल नहीं है बल�कि धार�मिक कट�टरपंथी संगठन है. बता दें कि क�छ दिन पहले ही उन�होंने संविधान से धर�मनिरपेक�षता शब�द को हटाने की मांग की थी.

बता दें कि बांग�लादेश की लॉ �ंफोर�समेंट �जेंसी ने चिन�मय कृष�ण दास को देशद�रोह के आरोप में 25 नवंबर को गिरफ�तार किया था. बांग�लादेश की अदालत ने उन�हें मंगलवार को उन�हें जमानत नहीं दी और जेल भेज दिया. इसके बाद चिन�मय दास के समर�थक सड़कों पर उतर आ� और उग�र विरोध प�रदर�शन श�रू किया. स�रक�षाकर�मियों के साथ �ड़प के दौरान पत�रकारों सहित कम से कम 10 लोग घायल हो ग�.

बांग�लादेश से किन अधिकारों के लि� लड़ रहे हैं चिन�मय प�रभ�

विदेश मंत�रालय ने अपने बयान में कहा, अल�पसंख�यकों के घरों और द�कानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ मंदिरों को अपवित�र करने के कई मामले दर�ज कि� ग� हैं. इन घटनाओं के अपराधी अभी भी ख�लेआम घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर�ण तरीके से वैध मांगें करने वाले धार�मिक नेता के खिलाफ आरोप लगा� जा रहे हैं.

चिन�मय दास की गिरफ�तारी क�यों?

चिन�मय दास को तब गिरफ�तार किया गया था, जब वो ढाका से चटगांव आ रहे थे. उन�हें ढाका �यरपोर�ट पर गिरफ�तार कर लिया गया था. इस दौरान सादे कपड़ों में आ� क�छ लोगों ने उन�हें जबरदस�ती वैन में बैठा लिया. उन लोगों ने ख�द को बांग�लादेशी प�लिस का जासूस बताया था.

इस�कॉन के उपाध�यक�ष राधा रमन दास ने बताया कि बिना क�छ कारण बता� ही चिन�मय दास को जबरदस�ती वैन में डाल दिया गया.

बांग�लादेशी प�लिस ने चिन�मय दास पर देशद�रोह का आरोप लगाया है. उनपर अक�टूबर में �क विरोध प�रदर�शन के दौरान बांग�लादेशी �ंडे का अपमान करने का आरोप है. �सा दावा है कि इस विरोध प�रदर�शन में भगवा ध�वज को बांग�लादेशी �ंडे से ज�यादा ऊंचा फहराया गया था. हालांकि, राधा रमन दास ने इन आरोपों को खारिज किया है.

चिन�मय दास की गिरफ�तारी के बाद उनकी रिहाई की मांग को लेकर देशभर में विरोध प�रदर�शन हो रहे हैं. इन प�रदर�शनों को दबाया जा रहा है. बांग�लादेश में जब से मोहम�मद य�नूस की सरकार आई है तब से हिंद�ओं पर हमले बढ़ ग� हैं.

�सी क�या मांगें कर रहे थे चिन�मय दास?

1. अल�पसंख�यकों के उत�पीड़न से ज�ड़े मामले में त�रंत स�नवाई के लि� स�पेशल ट�रिब�यूनल बना� जा�. पीड़ितों को म�आवजा और प�नर�वास मिले.

2. अल�पसंख�यक सम�दायों की स�रक�षा और अधिकारों की रक�षा के लि� �क कानून बनाया जा�.

3. अल�पसंख�यकों के लि� �क मंत�रालय बनाया जा�, ताकि अल�पसंख�यक सम�दाय के म�द�दे और परेशानियों को उठाया जा सके.

4. कब�जाई गई देबोत�तर (मंदिर) की संपत�तियों को वापस किया जा�. मंदिरों और अल�पसंख�यकों के पूजा स�थलों की स�रक�षा के लि� कानून बने.

5. सभी स�कूलों, कॉलेजों और हॉस�टलों में अल�पसंख�यकों के लि� पूजा स�थल बना� जा�ं, ताकि वो भी पूजा कर सकें.

6. अल�पसंख�यक सम�दायों के शैक�षणिक संस�थानों को बढ़ाया जा�. साथ ही साथ पाली और संस�कृत बोर�डों का आध�निकिकरण किया जा�.

7. द�र�गा पूजा के लि� पांच दिन का पब�लिक हॉलीडे घोषित किया जा�, क�योंकि ये हिंद�ओं के लि� काफी अहम त�योहार है.

बांग�लादेश में किस हालत में हैं अल�पसंख�यक?

बांग�लादेश में अल�पसंख�यकों को निशाना बनाने का इतिहास लंबा रहा है, खासकर हिंदू सम�दाय को. याद होगा कि दो साल पहले भी बांग�लादेश में हिंदू विरोधी भावना�ं भड़क गई थीं, जिसके बाद कई हिंद�ओं की हत�या भी कर दी गई थी.

हाल ही में, शेख हसीना के इस�तीफे के बाद सैकड़ों जगहों से हिंद�ओं पर हमले के मामले सामने आ� हैं. इस�कॉन टेम�पल और द�र�गा मंदिरों को निशाना बनाया गया है. हिंद�ओं के घरों और द�कानों में तोड़फोड़ की गई है. दिनाजप�र में उपद�रवियों ने �क श�मशान घाट पर भी कब�जा कर लिया था.

अभी तो हिंद�ओं पर हो रही हिंसा के मामले सामने आ भी जा रहे हैं, लेकिन वहां दशकों से इनके साथ उत�पीड़न हो रहा है. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन का दावा है कि 1964 से 2013 के बीच �क करोड़ से ज�यादा हिंदू बांग�लादेश छोड़कर भाग ग� हैं. फाउंडेशन का कहना है कि हर साल 2.30 लाख हिंदू बांग�लादेश छोड़ रहे हैं.

बांग�लादेश में गैर-म�स�लिमों की आबादी तेजी से घटी है. 1951 में बांग�लादेश (तब पूर�वी पाकिस�तान) में गैर-म�स�लिम आबादी 23.2% थी. यहां आखिरी बार 2011 में जनगणना ह�ई थी. उसमें सामने आया था कि बांग�लादेश में गैर-म�स�लिमों की आबादी घटकर 9.4% हो गई है.

 

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