Tag: हनुमानजी की दिव्य उधारी

हम चारों भाई चाहे जितनी बार जन्म लेेलें,हनुमानजी से उऋण नही हो सकते।

।। कौन काटता राम जी के बंधन।। ।। कौन काटता राम जी के बंधन।। ।।जो हनुमान ना होते।। ।।जो हनुमान ना होते।। ।। संकट कटे मिटे सब पीरा।। ।।जो सुमिरै…