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परिपूर्णतम ब्रम्ह श्री कृष्ण  भगवान की विजय गाथा 

धेनुकासुर का उद्धार — सभी दैत्यों के नामो की आध्यात्मिक विवेचना — आखिर सभी दैत्यों ने पशु रूप में ही आकर क्यों भगवान श्री कृष्ण पर आक्रमण किया ? —…

मौन प्रकृति का शाश्वत नियम है, चाँद, सूरज, तारे सब बिना कुछ कहे-सुने चल रहे हैं,

यह सोचना कि मेरे कारण दूसरों का भला हुआ-यह मूर्खता है, हमारे बिना संसार का कोई भी काम अटका नहीं रहेगा, हमारे पैदा होने से पहले भी संसार का सब…

तीन प्रकार की भगवत्कृपा होती है। कृपा , एक विशेष कृपा , एक अद्भुत कृपा , ये तीन कृपाऐं होती हैं भगवान् की।

भगवत्कृपाए मिल गयी अब समय का सदुपयोग करो 🌼 तीन प्रकार की भगवत्कृपा होती है। कृपा , एक विशेष कृपा , एक अद्भुत कृपा , ये तीन कृपाऐं होती हैं…

 सुदामा ने संपूर्ण सृष्टि के कल्याण के लिए स्वयं का दरिद्र होना स्वीकार किया।”

सुदामा होना सरल नहीं है ! जैसे ही द्वारकाधीश ने तीसरी मुट्ठी चावल उठा कर फाँक लगानी चाही, रुक्मिणी ने जल्दी से उनका हाथ पकड़ कर कहा, “क्या भाभी के…

कर्म से बदल जाते हैं भाग्य ईश्वर तो लोक-परलोक सब देखते हैं,सबका हिसाब रखते हैं। हमारा वर्तमान,भूत और भविष्य सभी को जोड़कर हमें वही प्रदान करते हैं ​​​​​​​

प्रकृत्य ऋषि का रोज का नियम था कि वह नगर से दूर जंगलों में स्थित शिव मन्दिर में भगवान् शिव की पूजा में लीन रहते थे। कई वर्षो से यह…

चन्द्रमा की शुभता से एक और गजकेसरी योग, महालक्ष्मी योग बनता हैं, वंही दूसरी और केमुद्रम योग, विष योग और ग्रहण योग जैसे योग भी बनते हैं।

वैदिक ज्योतिष में चंद्र को मन का कारक माना गया है चंद्र एक राशि पर लगभग ढाई दिन विचरण करता है इसी प्रकार प्रत्येक ढाई दिन में मनुष्य जीवन मे…

दुर्गा सप्तशती एक ऐसा वरदान है, एक ऐसा प्रसाद है, जो भी प्राणी इसे ग्रहण कर लेता है। वह प्राणी धन्य हो जाता है।

दुर्गा सप्तशती एक ऐसा वरदान है, एक ऐसा प्रसाद है, जो भी प्राणी इसे ग्रहण कर लेता है। वह प्राणी धन्य हो जाता है। जैसे मछली का जीवन पानी में…

दासी गुरु के सत्संग से रानी में श्री कृष्ण दर्शन की उत्कंठा, श्री कृष्ण दर्शन के लिए दासी गुरु से प्रार्थना

रानी श्रीरत्नावती जी दासी के मुख से भगवान के सुन्दर रूप और गुणों को सुनती रहतीं, इससे भगवान के दर्शनों की अभिलाषा तीव्र हो उठी। उन भगवान का दर्शन कैसे…

दुर्योधन की मृत्यु के समय श्रीकृष्ण ने किया था इस रहस्य का खुलासा, पांडव एवं उनकी सम्पूर्ण सेना सिर्फ एक दिन में ही हो सकती थी पराजित !

महाभारत के युद्ध समाप्ति के बाद जब कुरुक्षेत्र के मैदान में दुर्योधन मरणासन अवस्था में अपनी अंतिम सासे ले रहा था तब भगवान श्री कृष्ण उससे मिलने गए. हालाँकि भगवान…