एक बार श्री नन्द-यशोदा एंव सभी ब्रजवासी गंगा स्नान का विचार बनाकर गंगा जी की ओर चलने...
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अंर्तयामी नारायण स्वरूप भगवान श्रीकृष्ण, उनके नित्यसखा नरस्वरूप नरश्रेष्ठ अर्जुन, भगवती सरस्वती और महर्षि वेदव्यास को नमस्कार...
भरतजी ने कैसे घोड़े तैयार करवाये हैं, अब उनकी विशेषता बतलाते हैं – सुभग सकल सुठि चंचल...
बड़े भाग्य से यह मनुष्य शरीर मिला है। सब ग्रंथों ने यही कहा है कि यह शरीर...
हनुमान जी को आकाश में बिना विश्राम लिए लगातार उड़ते देखकर समुद्र ने सोचा कि ये प्रभु...
एक शिव मंदिर के पुजारी जी को भोले नाथ ने- सपने में दर्शन दिए+- औऱ कहा कि...
एक बार श्याम सुंदर जी ने छत्र बन (छाता) पर अपने ग्वाल बालों के साथ मिल कर...
सूरज की छाती की धड़कन श्याम नाम के साथ बन्द, लेकिन सूरज की चेतना चौकन्नी है। इस...
एक रात्रि विश्राम करने के पश्चात् श्री रामचन्द्र जी ने विभीषण को बुलाकर कहा, हे लंकेश! मेरा...
* होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा॥ अस कहि लगे जपन हरिनामा।...