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आप सिर्फ अपना प्रयास कर सकते हो , लेकिन उसकी भी एक सीमा है और जो उस सीमा से आगे की बागडोर संभालता है उसी का नाम “भगवान है..!!

द्रौपदी के स्वयंवर में जाते समय श्री कृष्ण” अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं कि, हे पार्थ तराजू पर पैर संभालकर रखना,संतुलन बराबर रखना, लक्ष्य मछली की आंख पर ही…

पद्म पुराण में शनि के दोष और शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए बहुत ही सुन्दर कथा का वर्णन आता है।

पद्म पुराण में शनि के दोष और शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए बहुत ही सुन्दर कथा का वर्णन आता है। पद्म पुराण के अनुसार शनि देव के नक्षत्रो में…

चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि आश्रम के समीप 11.21 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटक सुविधा केन्द्र बनाया जाएगा-जयवीर सिंह

आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली जनपद चित्रकूट स्थित वाल्मीकि आश्रम के निकट यात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए लगभग 11.21 करोड़ रुपये की लागत से एक पर्यटक सुविधा केन्द्र…

श्रीराधाचरितामृतम् भाग 32 “निभृत निकुञ्ज”- प्रेम के सर्वोच्च लोक

प्रेम के कुछ लोक हैं ये यन्त्रवत् हैंऔर सर्वोच्च हैं वैकुण्ठ लोक “शान्तलोक” है वो भगवान श्री नारायण का लोक है और भगवान नारायण का रूप शान्त है इसलिये वैकुण्ठ…

बिहारी जी नटखट हैं और छोटे से बालक भी हैं इसलिए भक्त के जीवन में बिहारी जी चमत्कार करते रहते हैं।

विश्व में केवल बाँके बिहारी जी का एक ऐसा मंदिर है जहां घंटी_नहीं है, ना ही बजाई जाती है। श्री बिहारी जी छोटे से बालक के रूप में दर्शन दे…

भगवान् विष्णुजी और सौभाग्य और धन की देवी माँ लक्ष्मीजी के साथ मृत्युलोक भ्रमण की कथा

परमेश्वर के तीन मुख्य स्वरूपों में से एक भगवान विष्णुजी का नाम स्वयं ही धन की देवी माँ लक्ष्मीजी के साथ लिया जाता है, शास्त्रों में कथाओं के अनुसार माँ…

अरण्य काण्ड में रामजी शबरी मिलन

भाग-1 कह रघुपति सुनु भामिनि बाता। मानउँ एक भगति कर नाता॥ जाति पाँति कुल धर्म बड़ाई। धन बल परिजन गुन चतुराई॥ भगति हीन नर सोहइ कैसा। बिनु जल बारिद देखिअ…

गोस्वामी तुलसीदासजी विरचित श्री रामचरितमानस अयोध्याकांड- 140

सीता राम चरन रति मोरें। अनुदिन बढ़उ अनुग्रह तोरें॥1॥ भावार्थ:-स्वयं श्री रामचंद्रजी भी भले ही मुझे कुटिल समझें और लोग मुझे गुरुद्रोही तथा स्वामी द्रोही भले ही कहें, पर श्री…

श्रीमद्भगवद्गीता पहले अध्याय का माहात्म्य

श्रीपार्वतीजीने कहा- भगवन् ! आप सब तत्त्वोंके ज्ञाता हैं। आपकी कृपासे मुझे श्रीविष्णु-सम्बन्धी नाना प्रकारके धर्म सुननेको मिले, जो समस्त लोकका उद्धार करनेवाले हैं। देवेश ! अब मैं गीताका माहात्म्य…

अधूरे ज्ञान की वजह से अश्वथामा को मिला शाप!!!!!!!!!!!

अश्वथामा और अर्जुन ने छोड़ दिए थे ब्रह्मास्त्र, इसके बाद अधूरे ज्ञान की वजह से अश्वथामा को मिला शाप!!!!!!!!!!! किसी भी काम में सफलता चाहते हैं तो उस काम से…