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राम से बड़ा राम का नाम माना जाता है,वो पत्थर भी तैर जातें है जिन पर श्रीराम का नाम लिखा रहता है।

रामदरबार में ‘हनुमानजी’ श्री ‘रामजी’ की सेवा में इतने तन्मय हो गए कि ‘गुरू वशिष्ठ’ के आने का उनको ध्यान ही नहीं रहा। सब ने उठ कर उनका अभिवादन किया…

आज से प्रयागराज में कल्पवास आरंभ माघ में 40 दिन के कल्पवास से मिलता है मोक्ष, जानें इस महातप में क्या करें क्या न करें

आज से प्रयागराज में कल्पवास आरंभ माघ में 40 दिन के कल्पवास से मिलता है मोक्ष, जानें इस महातप में क्या करें क्या न करें माघ मेले के दौरान जो…

“कोई लाखों वर्ष, तो कोई हजारों वर्ष पुराना मानता है सनातन हिन्दू धर्म को।

आओ हम कुछ महापुरुषों की जन्म तिथियों के आधार पर जानते हैं कि कितना पुराना है सनातन हिन्दू धर्म? सनातन धर्म की पुन: शुरुआत वराह कल्प से होती है। इससे…

प्राचीनकाल से ही काशी शिव-क्रीड़ा का केंद्र रहा है| एक बार भगवान शिव पार्वती सहित काशी पधारे|

प्राचीनकाल से ही काशी शिव-क्रीड़ा का केंद्र रहा है| एक बार भगवान शिव पार्वती सहित काशी पधारे| वे कुछ दिन काशी में रुके, तत्पश्चात मंदराचल पर चले गए| मंदराचल पर…

पौष मास के कृष्णपक्ष में ‘सफला’ नाम की एकादशी होती है । उस दिन विधिपूर्वक भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए ।

युधिष्ठिर ने पूछा : स्वामिन् ! पौष मास के कृष्णपक्ष (गुज., महा. के लिए मार्गशीर्ष) में जो एकादशी होती है, उसका क्या नाम है? उसकी क्या विधि है तथा उसमें…

राधा जी राजा वृषभानु को यज्ञ की भूमि साफ करते हुए मिली। राजा ने ही इनका पालन पोषण किया।

राधारानी हिन्दू धर्म की देवी हैं। हिन्दू धर्म में भगवान श्री कृष्ण के साथ राधारानी जी का ही नाम लिया जाता है। कई लोग मानते हैं कि राधा जी श्री…

आज भी गोवर्धन पर्वत चमत्कारी है और गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने वाले हर व्यक्ति को जीवन में कभी भी पैसों की कमी नहीं होती है।

एक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लेने के पूर्व राधाजी से भी साथ चलने का निवेदन किया। इस पर राधाजी ने कहा कि मेरा मन पृथ्वी पर वृंदावन,…

मनोविकारों से मुक्ति का नाम ही मोक्ष है   जीवात्मा बूँद है और परमात्मा सागर है 

बूँद का सागर बनना ही बूँद के जीवन का एक मात्र लक्ष्य है ! बूँद (जीवात्मा ) जब तक अपने स्वतंत्र अस्तित्व को बनाये रखना अपना लक्ष्य समझती है तब…

क्या है माया? क्या है ब्रह्म?

पंचवटी आश्रम में एक बार लक्ष्मण जी प्रभुश्रीरामजी के चरणसेवा कर रहे थे। लक्ष्मण जी ने पूछा है प्रभु हमे बताएं कि माया ओर ब्रह्म क्या है? प्रभुश्रीराम ने जो…

‘शिव ‘ को देवों के देव महादेव क्यों कहते हैं ?

आइंस्टीन से पूर्व शिव ने ही कहा था कि ‘कल्पना’ ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है। हम जैसी कल्पना और विचार करते हैं, वैसे ही हो जाते हैं। शिव ने इस…