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 रसिक बनना है, भक्त बनना है तो संतों का और वैष्णवों का संग अवश्य करना पड़ेगा।

हम कितना भी भजन कर लें, ध्यान कर लें लेकिन हमारा संग यदि गलत है तो सुना हुआ, पढ़ा हुआ, और जाना हुआ कुछ भी ज्ञान आचरण में नहीं उतर…

गणेश जी के प्रतीक और उनका महत्व!!!

गणेशजी का बड़ा पेट उदारता और संपूर्ण स्वीकार को दर्शाता है। गणेशजी का ऊपर उठा हुआ हाथ रक्षा का प्रतीक है – अर्थात, ‘घबराओ मत, मैं तुम्हारे साथ हूं’ और…

अपने घर, परिवार व कार्यालय से ध्वसनि प्रदूषण पर नियंत्रण की पहल करें। इसके बाद दूसरों को पहले टोकिए फिर रोकिए ।

मेनका द्विवेदी संवाददाता ध्वनि प्रदूषण दूसरों के लिये ही हानिकारक नहीं है। यह खुद को और अपने परिजनों को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। इसलिए अपने घर, परिवार व…

 सुदामा ने संपूर्ण सृष्टि के कल्याण के लिए स्वयं का दरिद्र होना स्वीकार किया।”

सुदामा होना सरल नहीं है ! जैसे ही द्वारकाधीश ने तीसरी मुट्ठी चावल उठा कर फाँक लगानी चाही, रुक्मिणी ने जल्दी से उनका हाथ पकड़ कर कहा, “क्या भाभी के…

कर्म से बदल जाते हैं भाग्य ईश्वर तो लोक-परलोक सब देखते हैं,सबका हिसाब रखते हैं। हमारा वर्तमान,भूत और भविष्य सभी को जोड़कर हमें वही प्रदान करते हैं ​​​​​​​

प्रकृत्य ऋषि का रोज का नियम था कि वह नगर से दूर जंगलों में स्थित शिव मन्दिर में भगवान् शिव की पूजा में लीन रहते थे। कई वर्षो से यह…

मंदिर में घंटी बजाने के पीछे न सिर्फ धार्मिक कारण है बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है।

जब भी हम मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं तो अंदर जाते वक्त मंदिर की घंटी बजाते हैं! मंदिर में घंटी बजाने के पीछे न सिर्फ धार्मिक…

सनातन से ही साकार है ब्रह्मांड की प्रासंगिकता 

हमारे विभिन्न ग्रंथो में भगवान शिव का अवलोकन करने के बाद जो परिणाम आता उसके अनुसार शिव अजन्मा,अनन्त,अविनाशी, निराकारी ,साकार,अखण्ड ऊर्जा ,आदि योगी,जन्म मृत्यु से परे,जिसका कोई नियम नही,ब्रमांड नियंता,त्रिकालदर्शी,…

हिंदू धर्म के सबसे शक्तिशाली देवता कौन हैं? जानें उनकी कहानी!

हिंदू धर्म के सबसे शक्तिशाली देवता हिंदू धर्म एक प्राचीन धर्म है जिसमें एकेश्वरवाद, बहुदेववाद और अद्वैतवाद जैसे कई अलग-अलग विश्वास शामिल हैं। हिंदू धर्म में कई देवता और देवी…

जय जय श्री सीताराम जी एक प्रेरणादायक प्रसंग

ज्ञानचंद नामक एक जिज्ञासु भक्त था।वह सदैव प्रभुभक्ति में लीन रहता था,रोज सुबह उठकर पूजा-पाठ,ध्यान-भजन करने का उसका नियम था। उसके बाद वह दुकान में काम करने जाता।दोपहर के भोजन…