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विदेश

WHO ने �मपॉक�स की दूसरी वैक�सीन को दी मंजूरी, कांगो में तेजी से बढ़ रहा संक�रमण

 नईदिल�ली

विश�व स�वास�थ�य संगठन (डब�लू�चओ) ने जापानी फार�मा कंपनी के�म बायोलॉजिक�स की �मपॉक�स वैक�सीन के आपात इस�तेमाल की मंजूरी दे दी है। विश�व  स�वास�थ�य संगठन से मंजूरी पाने वाली यह दूसरी वैक�सीन है। डब�लू�चओ ने कहा कि उन�होंने इमरजेंसी यूज लिस�टिंग (EUL) के तहत �मपॉक�स की वैक�सीन LC16m8 को मंजूरी दी है। अब इस वैक�सीन को उन जगहों पर इस�तेमाल किया जा सकेगा, जहां �मपॉक�स का प�रकोप बढ़ेगा।

सितंबर में भी �क वैक�सीन को दी थी मंजूरी

डब�ल�यू�चओ की ईयू�ल �जेंसी ही द�निया भर के देशों के में वितरण के लि� वैक�सीन को जल�दी से मंजूरी देने और आयात करने का काम करती है। डब�ल�यू�चओ ने सितंबर में भी �मपॉक�स के खिलाफ �क और वैक�सीन को इस�तेमाल की मंजूरी दी थी। यह वैक�सीन बवेरियन-नॉर�डिक कंपनी की �मवी�-बी�न थी। संय�क�त राष�ट�र स�वास�थ�य �जेंसी ने 14 अगस�त को ही डेमोक�रेटिक रिपब�लिक ऑफ कांगो में �मपॉक�स के न� क�लेड 1बी स�ट�रेन के मामलों में वृद�धि पर चिंता जाहिर की थी और �मपॉक�स पर नया अंतरराष�ट�रीय आपातकाल घोषित किया था।
 

अफ�रीकी देश कांगो में सबसे ज�यादा �मपॉक�स के मामले मिले

�मपॉक�स वायरस का संक�रमण इस साल द�निया के 80 देशों में रिपोर�ट किया गया है, इनमें से 19 देश अफ�रीका के हैं। हालांकि डीआर कांगो सबसे ज�यादा प�रभावित देश है, जहां इस साल अब तक �मपॉक�स संक�रमण के 39 हजार से ज�यादा संदिग�ध मामले दर�ज कि� ग� हैं और 1000 से ज�यादा लोगों की मौत ह�ई है। जापान की सरकार ने कांगो को नई स�वीकृत वैक�सीन की 30 लाख डोज दान देने का �लान किया है। हालांकि विश�व स�वास�थ�य संगठन ने चेतावनी दी है कि गर�भवती महिलाओं और ज�यादा कमजोर इम�य�निटी वाले मरीजों को नई वैक�सीन नहीं लगाई जानी चाहि�। वैक�सीन से लोगों को ब�खार, मांसपेशियों में दर�द और त�वचा में संक�रमण जैसी परेशानी हो सकती है। 

 �मपॉक�स के लक�षण
तेज ब�खार
सिरदर�द
मांसपेशियों में दर�द
ठंड लगना और थकान
त�वचा पर दाने, जो बाद में घाव का रूप ले सकते हैं।
यह बीमारी आमतौर पर 2-4 हफ�तों में ठीक हो जाती है। हालांकि, अगर समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकती है।

वैक�सीन LC16m8: �मपॉक�स से बचाव का उपाय
WHO द�वारा अन�मोदित LC16m8 वैक�सीन संक�रमण से स�रक�षा प�रदान करती है और महामारी के फैलाव को रोकने में मददगार है। इसे उन लोगों को प�राथमिकता से दिया जा�गा जो वायरस के अधिक संपर�क में हैं, जैसे:
1. स�वास�थ�य कर�मचारी
2. संक�रमित लोगों के करीबी संपर�क
3. प�रभावित क�षेत�रों में रहने वाले लोग

�मपॉक�स से बचाव के उपाय
WHO ने �मपॉक�स से बचाव के लि� निम�नलिखित स��ाव दि� हैं:
1. संक�रमित क�षेत�रों और जानवरों से दूर रहें।
2. संक�रमित व�यक�तियों से संपर�क न करें।
3. चोट या घाव को ढककर रखें।
4. स�वास�थ�य कर�मचारी PPE किट का उपयोग करें।
5. व�यक�तिगत स�वच�छता और सतर�कता बना� रखें।

वैश�विक सहयोग और जागरूकता
WHO की इस पहल से वैक�सीनेशन अभियान तेज होगा। इसके साथ ही, देशों के बीच सहयोग और जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया जा�गा। यह वैक�सीन उन इलाकों में महामारी के प�रभाव को कम करने में मदद करेगी, जहां संक�रमण का खतरा सबसे ज�यादा है।

इसके नतीजा
LC16m8 वैक�सीन को मंजूरी मि
लना �मपॉक�स से लड़ाई में �क अहम कदम है। इसके उपयोग से न सिर�फ वायरस का प�रसार रोका जा सकेगा ।बल�कि यह वैश�विक स�वास�थ�य संकट को नियंत�रित करने में भी मदद करेगा। वैक�सीनेशन के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और स�रक�षा उपाय अपनाकर इस महामारी से प�रभावी ढंग से निपटा जा सकता है।

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