भोपाल
मध्यप्रदेश में मानसून एक्टिविटी के चलते भोपाल में रविवार सुबह से कभी धीमी कभी तेज बारिश हो रही है। कोलार डैम का जलस्तर बढ़कर 458.70 मीटर होने पर 8 में से 2 गेट खोल दिए गए हैं।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार सुबह से बारिश का दौर शुरू हो चुका है। आज प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही आकाशीय बिजली गिरने का भी अलर्ट जारी है। मध्यप्रदेश में अब तक मानसून सीजन की 103 फीसदी बारिश हो चुकी है। 16 इंच के मुकाबले 16.5 इंच यानी 0.5 इंच ज्यादा पानी गिर चुका है। यह औसत बारिश से तीन प्रतिशत ज्यादा है। प्रदेश की छोटी नदियां उफान पर हैं, बड़ी नदियों और बांधों में लगातार पानी बढ़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, 29-30 जुलाई को तेज बारिश का दौर थम जाएगा। लेकिन 31 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी शुरू होगी। इधर, सुबह भोपाल के पास कोलार डैम के आठ में से दो गेट सुबह खोल दिए गए हैं। कोलार बांध वीरपुर का जलस्तर बढ़कर 458.70 मीटर होने पर गेट खोले गए। कोलार डैम से दोनों गेट 40-40 सेंटीमीटर खोले गए हैं। बता दें कि कोलार डैम सीहोर जिले में है, लेकिन भोपाल की आधी आबादी को पीने का यही से पानी मिलता है।
कभी भी खोल सकते हैं भागभदा के गेट
भोपाल में तेज बारिश हो रही है। कई इलाकों की सड़कें पानी में डूब गई हैं। बड़े तालाब के जलस्तर में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। भदभदा डैम के गेट भी कभी भी खुल सकते हैं। कैचमेंट एरिया में तेज बारिश और कोलास नदी के लेवल से ऊपर बहने से बड़ा तालाब में तेजी से पानी बढ़ रहा है। रविवार की सुबह लेवल 1665.00 फीट पहुंच गया है। यानी, तालाब 1.80 फीट ही खाली है। पानी की अच्छी आवक होने के चलते पल-पल की नजर रखी जा रही है। बड़ा तालाब का फुल टैंक लेवल 1666.80 फीट है। रविवार सुबह तक इसमें 1665.00 फीट पानी आ चुका है।
इन क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट
अशोकनगर, सागर, दमोह, रायसेन, नरसिंहपुर, भिंड, श्योपुरकलां, मुरैना, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, पांढुर्ना पेंच, दक्षिण छिंदवाड़ा, दक्षिण सिवनी, नीमच, मंदसौर, गुना, निवाड़ी में बिजली के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, उत्तरी छतरपुर के साथ-साथ उत्तरी छिंदवाड़ा, उत्तरी सिवनी, टीकमगढ़, दक्षिणी छतरपुर, अनुपपुर अमरकंटक, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, शिवपुरी, दतिया, मैहर, रतलाम, नर्मदापुरम पचमढ़ी, हरदा, बैतूल, देवास में बिजली के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। शाजापुर, राजगढ़, सीहोर, धार, इंदौर के साथ सीधी, सिंगरौली, सतना, रीवा, मऊगंज, भोपाल, जबलपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, पन्ना, अलीराजपुर, बड़वानी, झाबुआ में बिजली के साथ बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने रविवार को इंदौर, जबलपुर समेत प्रदेश के 15 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि 29-30 जुलाई को तेज बारिश का दौर थम जाएगा, लेकिन 31 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी शुरू होगी।
एमपी में अब तक 16.5 इंच बारिश
प्रदेश में अब तक मानसून सीजन की 103% बारिश हो चुकी है। 16 इंच के मुकाबले 16.5 इंच यानी 0.5 इंच ज्यादा पानी गिर चुका है। यह औसत बारिश से 3% ज्यादा है। प्रदेश की छोटी नदियां उफान पर हैं, बड़ी नदियों और बांधों में लगातार पानी बढ़ रहा है।
ये वेदर सिस्टम सक्रिय
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका अब बीकानेर, चूरू, आगरा, प्रयागराज, रांची से होकर समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई है। पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे उत्तरी ओडिशा के ऊपर बना हुआ है। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। दक्षिण गुजरात से उत्तरी केरल के तटों तक पश्चिमी तट पर समुद्र तल से अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। वहीं, विरूपक हवाओं का क्षेत्र (शियर जोन) ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ बना हुआ है।
31 जुलाई से बारिश का एक और सिस्टम
मौसम विभाग, भोपाल की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, ‘मानसून ट्रफ लाइन ग्वालियर से सीधी होकर जा रही है, जो आगे लो प्रेशर एरिया में मर्ज हो रही है। बंगाल के ऊपर एक लो प्रेशर भी एक्टिव है। आने वाले दिनों में यह आगे बढ़ेगा। मध्य भारत से जैसे ही यह गुजरेगा, मध्यप्रदेश में बारिश का दौर बनेगा।
एक अन्य ट्रफ लाइन भी है, जिसकी एक्टिविटी 31 जुलाई से देखने को मिल सकती है। स्ट्रॉन्ग सिस्टम की वजह से प्रदेश में फिर भारी बारिश होगी। 29-30 जुलाई को तेज बारिश का अलर्ट नहीं है।’
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अलावा अलग स्थानों पर तीन अन्य मौसम प्रणालियां भी बनी हुई हैं। मौसम प्रणालियों के प्रभाव से अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से पूरे प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। हल्की से मध्यम वर्षा का यह दौर अगले दो-तीन जारी रह सकता है।