यदि इंसान मेहनत करे तो क्या नहीं कर सकता यही बात ग्राम पूठा हुसैनपुर के रहने वाले अंकित ने करके दिखा दी जब वह बतौर सिपाही सन 2008 में 41 एड रेजीमेंट में भर्ती हुआ और करीब 15 वर्ष बाद सेना में लेफ्टिनेंट बना तो हर कोई भौचक्का रह गया मगर इसके पीछे अंकित की कड़ी मेहनत थी जिसने दिन-रात मेहनत कर अपने मुकाम को हासिल किया अंकित के पिता महक सिंह किसान है। जबकि उनकी माता श्रीमती सरोज देवी गृहणी है। अंकित के अलावा उनके चार भाई है जिसमें रूपेंद्र तेवतिया, भूपेंद्र,धर्मेंद्र व रोहित इन चारों भाइयों में भूपेंद्र किसानी करते है जब कि तीनों भाई फौज में रहकर देश की सेवा कर रहे है। अंकित के अलावा परिवार में उनकी पत्नी अंशु और उनके दो बच्चे है पुत्र का नाम विवान है जो 4 वर्ष का है जबकि उनकी पुत्री का नाम वामिका है जो एक वर्ष की है अंकित की शादी को करीब 10 वर्ष बीत चुके हैं उनके ऊपर एक तो परिवार दूसरा देश की सेवा करना दोनों जिम्मेदारी को अंकित ने बखूबी निभाते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी। अंकित के ऊपर पढ़ाई का जनून इस कदर सवार था कि 24 घंटो में 20 घंटे अंकित पढ़ाई को देता था अंकित फौज में एक बड़ा अफसर बनना चाहता था। अंकित छुट्टी लेकर दो वर्ष तक अपने घर नही गया नौकरी पर रहते ही कोचिंग करके पढ़ाई करना और खाट बिछाकर उस पर किताबे रखकर पढ़ना और जब-जब नीद आती थी तब-तब अपनी आँखों की पलको पर विक्स लगाकर पढ़ना उसका जनून था इस मंजर को देखने वाले उनकी मजाक उड़ाते थे। मगर इस सब के बाद भी अंकित के इरादे कम नही हुए और वह अपनी डगर पर आगे बढ़ता गया। आखिर अंकित का अफसर बनने का सपना पूरा हो गया इसलिए इंसान अगर मेहनत करे तो ईश्वर भी उसका साथ देता है। आज अंकित तेवतिया ने अपने साथ-साथ ग्राम पूठा हुसैनपुर व जनपद हापुड़ का नाम बतौर लेफ्टिनेंट के रूप में भर्ती होकर रोशन कर दिया अंकित की 10 दिसंबर को पासिंग आउट देहरादून में है जिसमें उनका परिवार शामिल होगा।