शिमला
हिमाचल प्रदेश में शिमला के उपनगर संजौली में गुरुवार (5 सितंबर) को सैकड़ों लोग एक मस्जिद के ‘अवैध’ निर्माण तथा शहर के मलाणा इलाके में एक कारोबारी पर हुए हमले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। एक प्रदर्शनकारी और बीजेपी कार्यकर्ता अंकुश चौहान ने कहा कि यह मस्जिद अवैध बनी हुई है। मस्जिद की चार मंजिलें अवैध हैं। उन्होंने कहा कि इसे 10 साल हो गए हैं। लेकिन इस मस्जिद पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। यह अवैध मस्जिद गिरनी चाहिए। इस मामले में हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र में भी बहस देखने को मिली।
मंत्री ने बताया ‘अवैध’
कांग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध ठाकुर ने खुद इस मामले पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा में एक रिपोर्ट पेश की और इस मस्जिद के कुछ निर्माण को ‘अवैध’ बताया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बोलते हुए सिंह ने शिमला की संजौली मस्जिद के निर्माण की जांच की मांग की। सिंह ने यह भी कहा कि मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के कारण इलाके में तनाव पैदा हो गया है।
मस्जिद निमार्ण के विरोध में शिमला के उपनगर संजौली के अलावा चौड़ा मैदान में भी विभिन्न संगठनों के लोगों के साथ स्थानीय लोग भी सड़कों पर उतर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी मस्जिद को गिराने की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि वक्फ बोर्ड की जमीन पर बने ढांचे का एक हिस्सा अवैध है। उन्होंने कहा कि मामला संवेदनशील है और यह समुदायों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि कारोबारी पर हमले के मामले में हत्या के प्रयास की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि मामले की जांच DSP रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासियों का पंजीकरण किया जाएगा।
अवैध निर्माण हटाने के लिए हिंदू संगठनों ने दिया दो दिन अल्टीमेटम
अवैध निर्माण के इस मामले से हिमाचल प्रदेश सड़क से लेकर विधानसभा में हंगामा मचा हुआ है. गुरुवार को हिंदू संगठनों के लोग यहां पर दोपहर बाद एकत्र हुए और रोष मार्च निकाला. उधऱ, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में इस मुद्दे पर सरकारी की रिपोर्ट रखने वाले मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी यहां पर पहुंचे और धरना के संबोधित किया. हिंदू संगठनों ने इस मामले में अब सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है.
अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में उठाए सवाल
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में मस्जिद निर्माण के मुद्दे पर कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “संजौली बाज़ार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है. चोरियां हो रही हैं, लव जिहाद जैसी घटनाएं हो रही हैं, जो प्रदेश और देश के लिए खतरनाक हैं. मस्जिद का अवैध निर्माण हुआ है. पहले एक मंजिल बनाई, फिर बिना परमिशन के बाकी मंजिलें बनाई गईं. 5 मंजिल की मस्जिद बना दी गई है. प्रशासन से यह सवाल है कि मस्जिद के अवैध निर्माण का बिजली-पानी क्यों नहीं काटा गया?”
विधानसभा में संजौली के मस्जिद विवाद को लेकर ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने जोरदार तरीके से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि संजौली बाज़ार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि वहां होने वाली अभद्र टिप्पणियों का वे स्वयं गवाह हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ड्रग्स और चोरी जैसी आपराधिक गतिविधियां बढ़ रही हैं, साथ ही “लव जिहाद” का मुद्दा भी उठाया, जिसे उन्होंने देश और प्रदेश के लिए एक गंभीर खतरा बताया. सिंह ने कहा कि क्षेत्र में हो रहे झगड़ों और हिंसा के पीछे स्थानीय लोगों का हाथ नहीं है, बल्कि यह बाहरी तत्वों द्वारा शुरू किया गया है, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने प्रतिक्रिया दी हैं.
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि प्रदेश में काम करने के लिए आने वाले व्यक्तियों का सही तरीके से सत्यापन किया जाना चाहिए. सिंह ने जोर देकर कहा कि केवल हिमाचली बोनाफाइड नागरिकों को ही तहबाज़ारी का लाइसेंस दिया जाना चाहिए. विपक्ष ने भी इस मामले में अनिरुद्ध सिंह का समर्थन किया, जिससे सरकार पर इस मामले में उचित कार्रवाई का दबाव और बढ़ गया है.
ओवैसी का कांग्रेस पर हमला
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया. ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया और कहा, “क्या हिमाचल की सरकार भाजपा की है या कांग्रेस की? हिमाचल की ‘मोहब्बत की दुकान’ में नफ़रत ही नफ़रत है.”
अनिरुद्ध सिंह ने ओवैसी को दिया जवाब
वहीं, अनिरुद्ध सिंह ने ओवैसी के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि, मन्दिर-मस्जिद निजी संपत्ति नहीं हैं. यहां वैध और अवैध का मामला है. अवैध तो अवैध है. उन्होंने कहा कि ओवैसी भाजपा की बी टीम है. उनकी राजनीति केवल एक समुदाय के दम पर चलती है. वह अपना राज्य संभालें. बाहर से आने वाले लोगों का मुद्दा गंभीर है और पहचान करना जरूरी है. उन्होंने दावा किया कि अपराधिक पृष्टभूमि के लोग हिमाचल आ रहे हैं.
नगर निकाय के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, “उक्त ढांचे की सबसे ऊपरी मंजिल अनधिकृत है। नगर निगम अदालत में कार्यवाही जारी है। निर्माण कार्य रोक दिया गया है।” उन्होंने कहा कि एक महीने पहले अवैध रूप से एक शौचालय का निर्माण किया गया था। लेकिन 24 घंटे का नोटिस देने के बाद उसे ध्वस्त कर दिया गया था।
कब शुरू हुआ विवाद?
पिछले हफ्ते संजौली मस्जिद के बाहर हुए एक युवक के साथ मारपीट की घटना के मामले में कुछ लोगों ने मस्जिद का घेराव किया और नारेबाजी की थी। पीटीआई के मुताबिक, यह विवाद तब शुरू हुआ, जब मलाणा क्षेत्र में एक कारोबारी और कुछ अन्य व्यापारियों पर अल्पसंख्यक समुदाय के आधा दर्जन लोगों ने सरिया एवं लाठियों से हमला कर दिया। इस हमले में चार व्यापारी घायल हो गए। घटना के वक्त ये व्यापारी घर लौट रहे थे।
पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर ली है। शहर के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन में भाग लिया। शिमला में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की। प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद पर अवैध निर्माण का फैसला नगर आयुक्त की अदालत में होगा। मामले की सुनवाई 7 सितंबर को होनी है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि ‘अनधिकृत निर्माण’ को ध्वस्त किया जाना चाहिए या नहीं। निगम के अनुसार, संजौली में स्थित एक धार्मिक स्थल की इमारत के अंदर कथित तौर पर अनधिकृत निर्माण है। इस मामले को वक्फ बोर्ड ने चुनौती दी है।
शिमला नगर निगम आयुक्त ने कहा कि मामले की सुनवाई आयुक्त की अदालत में तय की गई है। इसमें अनधिकृत निर्माण के बारे में आगे का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “मामले से जुड़ी सभी रिपोर्टें मंगा ली गई हैं। शनिवार 7 सितंबर को आगे का फैसला लिया जाएगा।”