तकनीकी से भरे आज के माहौल में, टेक्निकल स्किल्स हासिल करना न सिर्फ एक मनचाही इच्छा है, बल्कि यह किसी के करियर को आकार देने वाली एक बहुत महत्वपूर्ण जरूरत भी बन गई है। जब स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई पूरी कर पेशेवर दुनिया में जाने की तैयारी कर रहे होते हैं, उसी दौरान खुद को खास स्किल्स से लैस करना उनके कैरियर को आगे ले जाने में अच्छी-खासी भूमिका निभा सकता है। सभी इंडस्ट्रीज में टेक्नोलॉजी की लगातार तरक्की के लिए जरूरी है कि नए ग्रेजुएट ना सिर्फ बुनियादी टूल्स को सीखने-समझने पर ध्यान दें, बल्कि खुद को टेक्नोलॉजी में जारी विकास / बदलाव के लिए भी लायक बनाएं।
एक कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज कुमार 5 ऐसे जरूरी टेक्निकल स्किल्स आपको बता रहे हैं जो सभी छात्रों को अपनी ग्रेजुएशन पूरी करने से पहले हासिल कर लेने चाहिए।
बेसिक कोडिंग
कोडिंग का बुनियादी ज्ञान स्टूडेंट्स को तार्किक रूप से सोचने, समस्याओं का समाधान करने और नई परिस्थितियों के हिसाब से ढलना सिखाता है। ये स्किल्स अलग-अलग नौकरियों के लिए ट्रांसफरेबल होते हैं यानी (वैसे स्किल्स जिनका इस्तेमाल अलग-अलग जॉब्स में किया जा सकता) हैं। यह मुश्किल कामों को छोटे-छोटे आसानी से पूरे किये जाने वाले हिस्सों में बांटकर प्रॉब्लम-सोल्विंग स्किल्स को बढ़ावा देता है। चूंकि टेक्नोलॉजी अब तक़रीबन हर इंडस्ट्री का हिस्सा बन गई है, इसलिए कोडिंग जानना जरूरी है क्योंकि इससे आपको खास स्किल्स हासिल होते हैं जिनका इस्तेमाल कई जगहों में किया जा सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
एआई के साथ शुरूआती परिचय स्टूडेंट्स को यह समझने में मदद करता है कि वे रोजाना जिन टेक्नोलॉजीज़ का सामना करते हैं, उनके पीछे क्या ‘कैसे’ है। इससे उनका मुकाबला अनजाने डर से होता है और उन्हें अपने जीवन में एआई से जुड़े सोचे-समझे फैसले लेने की शक्ति देता है। इससे उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए जिम्मेदारी से एआई के विकास और इस्तेमाल की वकालत करने का अधिकार मिलता है। यह उन स्टूडेंट्स में एसटीईएम के क्षेत्रों (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ) के प्रति भी जुनून पैदा कर सकता है, जो बाकी के मामलों या तरीकों से इन पर विचार नहीं करते। इससे छिपी हुई प्रतिभाएं, इंटरप्रेन्योर बनने के जज्बे और करियर की राह तलाशी जा सकती है।
डेटा साइंस
डेटा साइंस आज की इंडस्ट्रीज में सफलता की बुनियाद है, जो ज़रूरी इनसाइट्स निकालने और निर्णय लेने लायक नतीजे प्राप्त करने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा इकठ्ठा करने और उसका विश्लेषण करने की क्षमता पर निर्भर करता है। इसमें डेटा सेट्स के भीतर पैटर्न्स, ट्रेंडस और कोरिलेशंस को उजागर करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों, टूल्स, प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज और एल्गोरिदम की एक रेंज शामिल है। इन तकनीकों का इस्तेमाल करके, स्टूडेंट्स सोच-समझकर निर्णय ले सकते हैं, प्रोसेस को ऑप्टिमाइज कर सकते हैं, और अलग-अलग क्षेत्रों में नए अविष्कार कर सकते हैं।
डिज़ाइन थिंकिंग
डिजाइन थिंकिंग का शुरूआती ज्ञान स्टूडेंट्स को सिस्टमैटिक प्रॉब्लम सोल्विंग एप्रोच के लिए ट्रेनिंग दे सकता है और उन्हें अलग-अलग तरीके से सोचने की क्षमता विकसित करने में मदद कर सकता है। इस स्किल का इस्तेमाल करके आसान चुनौतियों का समाधान करने से लेकर मौजूदा समय की मुश्किल चुनौतियों के समाधान के लिए अनूठे समाधान निकालने तक, ये एडवांस थिंकिंग मैकेनिज्म और टूल्स युवा दिमाग को उनके करियर और बिज़नेस में सफल होने लायक बनाते हैं।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी)
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) डिजिटल टेक्नोलॉजी को असल दुनिया के साथ जोडती है, जिससे वस्तुओं को इंसानों की भागीदारी के बिना नेटवर्क ज़े जुड़ने, बात-व्यवहार करने और काम करने का अवसर मिलता है। यह सफल तकनीक क्षमता और कनेक्टिविटी बढ़ाकर रोज़मर्रा की जिंदगी और एडवांस कमर्शियल प्रोसेस दोनों में क्रांति ला रही है।
स्मार्ट होम्स और वियरएबल डिवाइसेस से लेकर इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और सप्लाई चेन मैनेजमेंट तक, इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक अच्छी तरह से जुड़े हुए और ऑटोमेटेड कल का रास्ता बनाकर माहौल के साथ हमारे व्यवहार में बदलाव ला रहा है।
ये टेक्निकल स्किल्स न सिर्फ रोजमर्रा की जिंदगी में मदद करते हैं बल्कि छात्रों को पेशेवर तौर पर भी तैयार करते हैं। एक्सपर्ट्स के मार्गदर्शन में इन कौशलों को सीखने से स्टूडेंट्स असल दुनिया की समस्याओं को सुलझाने लायक बनते हैं और इंडस्ट्रीज के लिए तैयार पेशेवर बनते हैं। इन स्किल्स में महारत हासिल करके, स्टूडेंट्स अपने करियर में शानदार सफलता प्राप्त करने और लगातार बदलते टेक्नोलॉजी लैंडस्केप के अनुसार के लिए अच्छी तरह तैयार होंगे।