नई दिल्ली
बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति से पड़ोसी देश होने के नाते भारत को भारी चिंता है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाएं रुह कंपा रही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बांग्लादेश के हालात पर नजर रखने के लिए एक समिति का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि बीएसएफ के ईस्टर्न कमांड के एडीजी को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।
शाह ने लिखा, ‘मोदी सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए समिति गठित की। सरकारी समिति भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश में अधिकारियों के संपर्क में रहेगी। भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की निगरानी के लिए सरकारी समिति का नेतृत्व बीएसएफ की पूर्वी कमान के एडीजी करेंगे।’
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद स्थितियां काफी गंभीर हो गई हैं। कट्टरपंथी मुसलमानों की भीड़ अल्पसंख्यक हिंदुओं के घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमले कर रहे हैं। कट्टरपंथियों के हमले में कई निर्षोद हिंदू मारे जा चुके हैं। जान बचाने के लिए भारी संख्या में हिंदू भारत में शरण लेने को सीमा पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में पड़ोसी देश होने के नाते भारत के लिए बड़ा सरदर्द पैदा हो गया है। भारत के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती है कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे तो कैसे? दूसरी तरफ सीमा पर पहुंच रहे हिंदुओं और घुसपैठ करना चाह रहे कट्टरपंथी मुसलमानों के बीच फर्क करे तो कैसे?