मंडी
हिमाचल प्रदेश की मंडी से सांसद कंगना रनौत ने अडानी समूह और सेबी चीफ पर लगाए हिंडनबर्ग के आरोपों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया है। कंगना रनौत ने लोकसभा में नेता विपक्ष को सबसे खतरनाक, कड़वा, जहरीला और विनाशक व्यक्ति कह डाला। कुछ महीने पहले ही बॉलिवुड से राजनीति में आईं कंगना ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए हर प्रयास कर रहे हैं। कंगना की यह टिप्पणी राहुल गांधी की ओर से सरकार पर किए गए ताजे हमले के जवाब में आई है।
कंगना रनौत ने सोमवार सुबह एक्स पर लिखा, ‘राहुल गांधी सबसे खतरनाक आदमी हैं, वह कड़वे हैं, जहरीले और विनाशक हैं। उनका अजेंडा है कि यदि वह प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं तो वह इस देश को तबाह कर सकते हैं। हमारे शेयर बाजार को टारगेट करने वाली हिंडनबर्ग की रिपोर्ट बेकार साबित हुई, जिसका राहुल गांधी ने कल रात समर्थन किया।’
भाजपा सांसद ने आगे कहा, ‘वह (राहुल) देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। मिस्टर गांधी जिंदगीभर विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रहिए और जिस तरह से आप पीड़ित हैं उसी तरह इस देश के लोगों के गौरव, विकास और राष्ट्रवाद से दुखी रहें। वे आपको कभी नेता नहीं बनाएंगे। आप कलंक हैं।’ कंगना ने पोस्ट के साथ हिंडनबर्ग और सेबी हैशटैग का इस्तेमाल किया है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग के दावों को लेकर मोदी सरकार पर जोरदार प्रहार किया। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का दायित्व निभाने वाले सेबी की शुचिता, इसकी अध्यक्ष के खिलाफ लगे आरोपों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। देश भर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार के लिए कई सवाल हैं: सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अडाणी?’
गांधी ने सवाल किया कि सामने आए नए और ‘बेहद गंभीर’ आरोपों के मद्देनजर क्या उच्चतम न्यायालय इस मामले की फिर से स्वतः संज्ञान लेकर जांच करेगा। उन्होंने कहा, ‘अब यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच से इतना क्यों डरते हैं और इससे क्या खुलासा हो सकता है।’ कांग्रेस नेता ने इस मुद्दे पर अपना एक वीडियो बयान भी पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के रूप में यह उनका कर्तव्य है कि वह लोगों के ध्यान में लाएं कि भारतीय शेयर बाजार में ‘काफी जोखिम’ है, क्योंकि बाजार को नियंत्रित करने वाली संस्था ‘समझौता’ कर चुकी है।
गांधी ने वीडियो में कहा, ‘कल्पना कीजिए कि आप भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच देख रहे हैं और मैच देखने वाला और खेलने वाला हर व्यक्ति जानता है कि अंपायर ने समझौता कर लिया है। क्या मैच निष्पक्ष होगा, नतीजा क्या होगा। मैच में भाग लेने वाले व्यक्ति के रूप में आपको कैसा लगेगा?’ कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में बिल्कुल यही हो रहा है।