मुंबई
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) का नया चेयरमैन कौन होगा? इसे लेकर अब सस्पेंस खत्म हो गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह आईसीसी के नए बॉस बन गए हैं। उन्हें निर्विरोध चुना गया है। वह ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म होने जा रहा है। बर्कले ने हाल ही में चेयरमैन पद की रेस से खुद को अलग कर लिया था। 35 वर्षीय शाह एक दिसंबर को कार्यभार संभालेंगे। उन्होंने इतिहास रच दिया है। वह आईसीसी के सबसे कम उम्र के चेयरमैन हैं।
ICC चेयरमैन के होते हैं इतने कार्यकाल
भारत का एक बार फिर आईसीसी में दबदबा बढ़ा है। शाह आईसीसी चेयरमैन बनने वाले पांचवें भारतीय हैं। उनसे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर आईसीसी के बॉस रह चुके हैं। माना जा रहा था कि शाह को आईसीसी बोर्ड के 16 में से 15 सदस्यों का समर्थन प्राप्त था। मंगलवार (27 अगस्त) को चेयरमैन पद के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख थी। आईसीसी चेयरमैन दो-दो साल के तीन कार्यकाल के लिए पात्र होता है और न्यूजीलैंड के बार्कले ने अब तक चार साल पूरे कर लिए हैं।
शाह को छोड़ना होगा BCCI सचिव पद
आईसीसी के नियमों के अनुसार चेयरमैन के चुनाव में 17 वोट होते हैं और विजेता के लिए 9 मत का साधारण बहुमत (51%) आवश्यक है। इससे पहले चेयरमैन बनने के लिए निवर्तमान के पास दो-तिहाई बहुमत होना आवश्यक था। शाह आईसीसी बोर्ड में सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक रहे हैं। वह फिलहाल आईसीसी की शक्तिशाली वित्त और वाणिज्यिक मामलों की उप समिति के प्रमुख हैं। वह 2022 में इस उप समिति के अध्यक्ष बने थे। शाह को अब बीसीसीआई सचिव का पद छोड़ना होगा जिस पर वह 2019 से काबिज हैं। बोर्ड की आमसभा की बैठक अगले महीने या अक्तूबर में होगी।
BCCI में वापसी के लिए ऐसा करना होगा
वर्तमान में बीसीसीआई सचिव के रूप में शाह का एक साल का कार्यकाल बचा है। बीसीसीआई में वापसी के लिए अनिवार्य तीन साल का ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ शाह के लिए अक्टूबर 2025 में अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद शुरू होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित बीसीसीआई के संविधान के अनुसार कोई पदाधिकारी तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि से पहले छह साल तक पद पर रह सकता है। कुल मिलाकर कोई व्यक्ति कुल 18 वर्षों तक पद पर रह सकता है – राज्य संघ में नौ और बीसीसीआई में नौ वर्ष। आईसीसी में जाने के बाद शाह के पास बीसीसीआई में चार साल बाकी हैं।
शाह की उम्र 35 साल है. जय शाह से पहले भी 4 भारतीय ICC के चेयरमैन रह चुके हैं. आइए इनके बारे में जानते हैं और यह भी जानते हैं कि जय शाह का चेयरमैन बनना क्यों खास है?
जगमोहन डालमिया
जगमोहन डालमिया आईसीसी के चेयरमैन बनने वाले पहले भारतीय थे. वे 1997 से 2000 तक इस पद पर रहे. डालमिया के कार्यकाल में महत्वपूर्ण प्रशासनिक परिवर्तन और क्रिकेट को वैश्विक बनाने के प्रयास किए गए. उन्होंने 1996 के वर्ल्ड कप को भारतीय उपमहाद्वीप में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आईसीसी के रेवेन्यू को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई.
शरद पवार
भारतीय राजेनता शरद पवार 2010 से 2012 तक ICC के चेयरमैन रहे. अपने कार्यकाल के दौरान पवार ने खेल के प्रशासन को मजबूत करने और इसके वैश्विक विस्तार को बढ़ाने पर काफी फोकस किया. वे नए फॉर्मेट की शुरूआत और दुनिया भर में क्रिकेट के बुनियादी ढांचे में सुधार के बारे में फैसले लेने के प्रोसेस में भी सक्रिय रूप से शामिल थे.
एन. श्रीनिवासन
एन. श्रीनिवासन 2014 में ICC के गवर्नेंस मॉडल के पुनर्गठन के बाद पहले ICC चेयरमैन बने. उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जिसमें “बिग थ्री” मॉडल की शुरुआत भी शामिल थी, जिसके तहत भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट के फाइनेंस और एडमिनिस्ट्रेशन पर अधिक कंट्रोल दिया गया. हालांकि, श्रीनिवासन का कार्यकाल प्रभावशाली था, लेकिन विवादों से भी घिरा रहा.
जय शाह का चेयरमैन बनना क्यों खास?
शाह का चुनाव तब हुआ जब उन्होंने नॉमिनेशन फाइल करने के अंतिम दिन अपना नॉमिनेशन फाइल किया और उसके बाद उन्हें निर्विरोध चुना गया. जय शाह की नियुक्ति वर्ल्ड क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में भारत के मजबूत प्रभाव को जारी रखती है. उनका चेयरमैन बनना ने वर्ल्ड क्रिकेट में काफी परिवर्तन और वृद्धि देखने को मिल सकती है. BCCI सचिव रहते हुए जय शाह ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है.
मुंबई
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) का नया चेयरमैन कौन होगा? इसे लेकर अब सस्पेंस खत्म हो गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह आईसीसी के नए बॉस बन गए हैं। उन्हें निर्विरोध चुना गया है। वह ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म होने जा रहा है। बर्कले ने हाल ही में चेयरमैन पद की रेस से खुद को अलग कर लिया था। 35 वर्षीय शाह एक दिसंबर को कार्यभार संभालेंगे। उन्होंने इतिहास रच दिया है। वह आईसीसी के सबसे कम उम्र के चेयरमैन हैं।
ICC चेयरमैन के होते हैं इतने कार्यकाल
भारत का एक बार फिर आईसीसी में दबदबा बढ़ा है। शाह आईसीसी चेयरमैन बनने वाले पांचवें भारतीय हैं। उनसे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर आईसीसी के बॉस रह चुके हैं। माना जा रहा था कि शाह को आईसीसी बोर्ड के 16 में से 15 सदस्यों का समर्थन प्राप्त था। मंगलवार (27 अगस्त) को चेयरमैन पद के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख थी। आईसीसी चेयरमैन दो-दो साल के तीन कार्यकाल के लिए पात्र होता है और न्यूजीलैंड के बार्कले ने अब तक चार साल पूरे कर लिए हैं।
शाह को छोड़ना होगा BCCI सचिव पद
आईसीसी के नियमों के अनुसार चेयरमैन के चुनाव में 17 वोट होते हैं और विजेता के लिए 9 मत का साधारण बहुमत (51%) आवश्यक है। इससे पहले चेयरमैन बनने के लिए निवर्तमान के पास दो-तिहाई बहुमत होना आवश्यक था। शाह आईसीसी बोर्ड में सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक रहे हैं। वह फिलहाल आईसीसी की शक्तिशाली वित्त और वाणिज्यिक मामलों की उप समिति के प्रमुख हैं। वह 2022 में इस उप समिति के अध्यक्ष बने थे। शाह को अब बीसीसीआई सचिव का पद छोड़ना होगा जिस पर वह 2019 से काबिज हैं। बोर्ड की आमसभा की बैठक अगले महीने या अक्तूबर में होगी।
BCCI में वापसी के लिए ऐसा करना होगा
वर्तमान में बीसीसीआई सचिव के रूप में शाह का एक साल का कार्यकाल बचा है। बीसीसीआई में वापसी के लिए अनिवार्य तीन साल का ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ शाह के लिए अक्टूबर 2025 में अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद शुरू होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित बीसीसीआई के संविधान के अनुसार कोई पदाधिकारी तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि से पहले छह साल तक पद पर रह सकता है। कुल मिलाकर कोई व्यक्ति कुल 18 वर्षों तक पद पर रह सकता है – राज्य संघ में नौ और बीसीसीआई में नौ वर्ष। आईसीसी में जाने के बाद शाह के पास बीसीसीआई में चार साल बाकी हैं।
शाह की उम्र 35 साल है. जय शाह से पहले भी 4 भारतीय ICC के चेयरमैन रह चुके हैं. आइए इनके बारे में जानते हैं और यह भी जानते हैं कि जय शाह का चेयरमैन बनना क्यों खास है?
जगमोहन डालमिया
जगमोहन डालमिया आईसीसी के चेयरमैन बनने वाले पहले भारतीय थे. वे 1997 से 2000 तक इस पद पर रहे. डालमिया के कार्यकाल में महत्वपूर्ण प्रशासनिक परिवर्तन और क्रिकेट को वैश्विक बनाने के प्रयास किए गए. उन्होंने 1996 के वर्ल्ड कप को भारतीय उपमहाद्वीप में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आईसीसी के रेवेन्यू को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई.
शरद पवार
भारतीय राजेनता शरद पवार 2010 से 2012 तक ICC के चेयरमैन रहे. अपने कार्यकाल के दौरान पवार ने खेल के प्रशासन को मजबूत करने और इसके वैश्विक विस्तार को बढ़ाने पर काफी फोकस किया. वे नए फॉर्मेट की शुरूआत और दुनिया भर में क्रिकेट के बुनियादी ढांचे में सुधार के बारे में फैसले लेने के प्रोसेस में भी सक्रिय रूप से शामिल थे.
एन. श्रीनिवासन
एन. श्रीनिवासन 2014 में ICC के गवर्नेंस मॉडल के पुनर्गठन के बाद पहले ICC चेयरमैन बने. उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जिसमें “बिग थ्री” मॉडल की शुरुआत भी शामिल थी, जिसके तहत भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट के फाइनेंस और एडमिनिस्ट्रेशन पर अधिक कंट्रोल दिया गया. हालांकि, श्रीनिवासन का कार्यकाल प्रभावशाली था, लेकिन विवादों से भी घिरा रहा.
जय शाह का चेयरमैन बनना क्यों खास?
शाह का चुनाव तब हुआ जब उन्होंने नॉमिनेशन फाइल करने के अंतिम दिन अपना नॉमिनेशन फाइल किया और उसके बाद उन्हें निर्विरोध चुना गया. जय शाह की नियुक्ति वर्ल्ड क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में भारत के मजबूत प्रभाव को जारी रखती है. उनका चेयरमैन बनना ने वर्ल्ड क्रिकेट में काफी परिवर्तन और वृद्धि देखने को मिल सकती है. BCCI सचिव रहते हुए जय शाह ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है.