नई दिल्ली
इसी साल अक्टूबर के महीने में बांग्लादेश में आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप-2024 का आयोजन होना है। इस टूर्नामेंट पर हालांकि संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसका कारण बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक हालत हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़कर चली गई हैं। सेना ने इस देश को अपने हाथों में ले लिया है और जल्द ही अंतरिम सरकार के गठन की बात कही है।
आईसीसी की नजरें बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर है और उसने कहा है कि वह इस मामले पर काफी बारीक नजर रखे हुए है। टूर्नामेंट शुरू होने में दो ही महीने का समय बचा है। ऐसे में वर्ल्ड कप को किसी और जगह शिफ्ट कराने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।
सुरक्षा है प्राथमिकता
आईसीसी ने कहा कि वह इस मामले पर नजरें बनाए हुए है और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के साथ मिलकर विचार कर रहा है। आईसीसी के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “आईसीसी, बीसीबी की सुरक्षा एजेंसी और अपने सुरक्षा सलाहकारों के साथ मिलकर मामले पर गंभीर नजर रखे हुए है। हमारी प्राथमिकता सुरक्षा और हिस्सा लेने वाले सभी लोगों की खैरियत है।”
पिछले महीने कोलंबो में हुई आईसीसी की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में कुछ देशों ने बांग्लादेश के हालात का मुद्दा उठाया था, लेकिन ये इस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा नहीं था। बांग्लादेश में नौकरी में कोटा सिस्टम के विरोध में आंदोलन हो रहा है।
18 दिन का है टूर्नामेंट
महिला टी20 वर्ल्ड कप-2024 में कुल 23 मैच होने हैं। ये टूर्नामेंट 18 दिन तक खेला जाना है। बांग्लादेश के ढाका के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम और सिलहट में सिलहट इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में ये मैच खेले जाने हैं लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस वर्ल्ड कप का आयोजन मुश्किल लग रहा है।
आईसीसी सूत्र ने कहा कि मार्च 2022 में श्रीलंका में अशांति की ऐसी ही स्थिति थी जब प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार और मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया था. इस घटना के बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने जून में द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए वहां की यात्रा की थी. बांग्लादेश में वर्ल्ड कप ढाका और सिलहट में आयोजित होने वाला है.
भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने अगली सूचना तक भारतीय नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी है. बीसीसीआई इस तरह की स्थितियों में हमेशा सरकार की सलाह मानता है.
तो श्रीलंका में हो सकता है टी20 वर्ल्ड कप
आईसीसी के पास अपरिहार्य स्थितियों के लिए आकस्मिक योजनाएं हैं और इस मामले में श्रीलंका एक विकल्प हो सकता है. श्रीलंका ने 2012 का पुरुष टी20 वर्ल्ड कप सितंबर और अक्टूबर के बीच वहां आयोजित किया था. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एसईएनए देश (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) अपनी महिला टीमों को ऐसे देश में भेजते हैं जहां सुरक्षा स्थिति कमजोर रह सकती है.
ICC ने बांग्लादेश और अक्टूबर में महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी के उनके अधिकार पर प्रतिक्रिया दी है. ICC प्रवक्ता ने कहा- ICC बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) उनकी सुरक्षा एजेंसियों और हमारे अपने स्वतंत्र सुरक्षा सलाहकारों के साथ समन्वय में घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहा है. हमारी प्राथमिकता सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा और भलाई है.
क्यों हो रहा है विवाद?
बांग्लादेश में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहा है. इसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था.
नई दिल्ली
इसी साल अक्टूबर के महीने में बांग्लादेश में आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप-2024 का आयोजन होना है। इस टूर्नामेंट पर हालांकि संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसका कारण बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक हालत हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़कर चली गई हैं। सेना ने इस देश को अपने हाथों में ले लिया है और जल्द ही अंतरिम सरकार के गठन की बात कही है।
आईसीसी की नजरें बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर है और उसने कहा है कि वह इस मामले पर काफी बारीक नजर रखे हुए है। टूर्नामेंट शुरू होने में दो ही महीने का समय बचा है। ऐसे में वर्ल्ड कप को किसी और जगह शिफ्ट कराने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।
सुरक्षा है प्राथमिकता
आईसीसी ने कहा कि वह इस मामले पर नजरें बनाए हुए है और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के साथ मिलकर विचार कर रहा है। आईसीसी के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “आईसीसी, बीसीबी की सुरक्षा एजेंसी और अपने सुरक्षा सलाहकारों के साथ मिलकर मामले पर गंभीर नजर रखे हुए है। हमारी प्राथमिकता सुरक्षा और हिस्सा लेने वाले सभी लोगों की खैरियत है।”
पिछले महीने कोलंबो में हुई आईसीसी की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में कुछ देशों ने बांग्लादेश के हालात का मुद्दा उठाया था, लेकिन ये इस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा नहीं था। बांग्लादेश में नौकरी में कोटा सिस्टम के विरोध में आंदोलन हो रहा है।
18 दिन का है टूर्नामेंट
महिला टी20 वर्ल्ड कप-2024 में कुल 23 मैच होने हैं। ये टूर्नामेंट 18 दिन तक खेला जाना है। बांग्लादेश के ढाका के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम और सिलहट में सिलहट इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में ये मैच खेले जाने हैं लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस वर्ल्ड कप का आयोजन मुश्किल लग रहा है।
आईसीसी सूत्र ने कहा कि मार्च 2022 में श्रीलंका में अशांति की ऐसी ही स्थिति थी जब प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार और मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया था. इस घटना के बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने जून में द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए वहां की यात्रा की थी. बांग्लादेश में वर्ल्ड कप ढाका और सिलहट में आयोजित होने वाला है.
भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने अगली सूचना तक भारतीय नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी है. बीसीसीआई इस तरह की स्थितियों में हमेशा सरकार की सलाह मानता है.
तो श्रीलंका में हो सकता है टी20 वर्ल्ड कप
आईसीसी के पास अपरिहार्य स्थितियों के लिए आकस्मिक योजनाएं हैं और इस मामले में श्रीलंका एक विकल्प हो सकता है. श्रीलंका ने 2012 का पुरुष टी20 वर्ल्ड कप सितंबर और अक्टूबर के बीच वहां आयोजित किया था. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एसईएनए देश (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) अपनी महिला टीमों को ऐसे देश में भेजते हैं जहां सुरक्षा स्थिति कमजोर रह सकती है.
ICC ने बांग्लादेश और अक्टूबर में महिला टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी के उनके अधिकार पर प्रतिक्रिया दी है. ICC प्रवक्ता ने कहा- ICC बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) उनकी सुरक्षा एजेंसियों और हमारे अपने स्वतंत्र सुरक्षा सलाहकारों के साथ समन्वय में घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहा है. हमारी प्राथमिकता सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा और भलाई है.
क्यों हो रहा है विवाद?
बांग्लादेश में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहा है. इसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था.