कोलंबो
भारत के सहायक कोच अभिषेक नायर ने दूसरे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में श्रीलंका से मिली अप्रत्याशित हार का ठीकरा पिच पर फोड़ते हुए कहा कि विकेट काफी स्पिन ले रहा था और ऐसे में मैच किसी भी तरफ पासा पलट सकता था। भारतीय बल्लेबाजों की स्पिन के खिलाफ कमजोरी खुलकर सामने आई जब उसे दूसरे वनडे में 32 रन से हार का सामना करना पड़ा। श्रीलंका की तरफ से लेग स्पिनर जेफरी वांडरसे ने छह विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया। नायर ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा,, ‘‘यह आश्चर्य जनक था लेकिन आप जानते हैं कि इस तरह की परिस्थितियों में मैच का पासा किसी भी तरह पलट सकता था क्योंकि पिच से बहुत अधिक स्पिन मिल रही थी।’’ भारत के सामने 241 रन का लक्ष्य था लेकिन उसकी पूरी टीम 42.2 ओवर में 208 रन पर आउट हो गई। कप्तान रोहित शर्मा को छोड़कर बाकी अन्य बल्लेबाज रन बनाने के लिए संघर्ष करते रहे।
नायर ने कहा, ‘‘अगर आप पहले मैच पर भी गौर करो तो नई गेंद से रन बनाना थोड़ा आसान था। गेंद के पुरानी पड़ जाने के बाद बल्लेबाजी करना आसान नहीं था विशेषकर जबकि आप बाद में बल्लेबाजी कर रहे हों। कुछ अवसरों पर मुश्किल परिस्थितियों में विशेष कर 50 ओवर के प्रारूप में ऐसा होता है।’’
भारत के सहायक कोच ने कहा कि टीम प्रबंधन उन चीजों पर गौर करेगा जो अभी तक टीम के अनुकूल नहीं रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन चीजों पर गौर करना होगा जिन पर सुधार करने की जरूरत है। हमें इस पर विचार करना होगा कि लगातार दूसरे मैच में ऐसा क्यों हुआ। पहले मैच में हम कुछ हद तक साझेदारियां निभाने में सफल रहे थे लेकिन इस मैच में हमने लगातार विकेट गंवाए।’’
भारत ने अपने मध्यक्रम में बदलाव करके शिवम दुबे को चौथे नंबर पर जबकि श्रेयस अय्यर को छठे और केएल राहुल को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा लेकिन यह तीनों नहीं चल पाए। नायर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि खेल में बल्लेबाजी पोजीशन तभी मायने रखती है जब आप मैच के विभिन्न चरणों में खेल रहे हैं। हमने बीच के ओवरों में विकेट गंवाए और तब मध्यक्रम के बल्लेबाज बल्लेबाजी कर रहे होते हैं। मेरा मानना था कि ऐसा करना सही था और जब यह नहीं चल पाता है तो अक्सर सवाल उठाए जाते हैं। मेरा मानना है कि अगर मध्यक्रम का बल्लेबाज मध्यक्रम में बल्लेबाजी कर रहा हो तो उसे देखते हुए यह फैसला सही था।’’
कोलंबो
भारत के सहायक कोच अभिषेक नायर ने दूसरे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में श्रीलंका से मिली अप्रत्याशित हार का ठीकरा पिच पर फोड़ते हुए कहा कि विकेट काफी स्पिन ले रहा था और ऐसे में मैच किसी भी तरफ पासा पलट सकता था। भारतीय बल्लेबाजों की स्पिन के खिलाफ कमजोरी खुलकर सामने आई जब उसे दूसरे वनडे में 32 रन से हार का सामना करना पड़ा। श्रीलंका की तरफ से लेग स्पिनर जेफरी वांडरसे ने छह विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया। नायर ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा,, ‘‘यह आश्चर्य जनक था लेकिन आप जानते हैं कि इस तरह की परिस्थितियों में मैच का पासा किसी भी तरह पलट सकता था क्योंकि पिच से बहुत अधिक स्पिन मिल रही थी।’’ भारत के सामने 241 रन का लक्ष्य था लेकिन उसकी पूरी टीम 42.2 ओवर में 208 रन पर आउट हो गई। कप्तान रोहित शर्मा को छोड़कर बाकी अन्य बल्लेबाज रन बनाने के लिए संघर्ष करते रहे।
नायर ने कहा, ‘‘अगर आप पहले मैच पर भी गौर करो तो नई गेंद से रन बनाना थोड़ा आसान था। गेंद के पुरानी पड़ जाने के बाद बल्लेबाजी करना आसान नहीं था विशेषकर जबकि आप बाद में बल्लेबाजी कर रहे हों। कुछ अवसरों पर मुश्किल परिस्थितियों में विशेष कर 50 ओवर के प्रारूप में ऐसा होता है।’’
भारत के सहायक कोच ने कहा कि टीम प्रबंधन उन चीजों पर गौर करेगा जो अभी तक टीम के अनुकूल नहीं रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन चीजों पर गौर करना होगा जिन पर सुधार करने की जरूरत है। हमें इस पर विचार करना होगा कि लगातार दूसरे मैच में ऐसा क्यों हुआ। पहले मैच में हम कुछ हद तक साझेदारियां निभाने में सफल रहे थे लेकिन इस मैच में हमने लगातार विकेट गंवाए।’’
भारत ने अपने मध्यक्रम में बदलाव करके शिवम दुबे को चौथे नंबर पर जबकि श्रेयस अय्यर को छठे और केएल राहुल को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा लेकिन यह तीनों नहीं चल पाए। नायर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि खेल में बल्लेबाजी पोजीशन तभी मायने रखती है जब आप मैच के विभिन्न चरणों में खेल रहे हैं। हमने बीच के ओवरों में विकेट गंवाए और तब मध्यक्रम के बल्लेबाज बल्लेबाजी कर रहे होते हैं। मेरा मानना था कि ऐसा करना सही था और जब यह नहीं चल पाता है तो अक्सर सवाल उठाए जाते हैं। मेरा मानना है कि अगर मध्यक्रम का बल्लेबाज मध्यक्रम में बल्लेबाजी कर रहा हो तो उसे देखते हुए यह फैसला सही था।’’