पर्यटन क्षेत्र में 43 गंतव्यों की चार श्रेणियां संस्कृति और विरासत आध्यात्मिक स्थल,इको टूरिज्म और अमृत धरोहर तथा वाइब्रेट विलेज में करना सराहनीय -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर सर्वविदित है कि भारत पर्यटन क्षेत्र का मुख्य आधार स्थल आदि अनादि काल से ही रहा है भारत की संस्कृति रीतिरिवाज आध्यात्मिक स्थल संस्कृति और विरासत इकोटूरिज्म और अमृत धरोहर और अभी हाल ही में विकसित एक अनोखे पर्यटन स्थल वाइब्रेट विलेज सहित अनेको पर्यटन स्थल है,जिसे देखने हजारों लाखों विदेशी सैलानी आते हैं जिसे मुख्य रूप से 43 गंतव्यों की उपरोक्त चार श्रेणियां में विभाजित किया गया है। वैसे तो पर्यटन क्षेत्र में हमेशा से विकास की दिशा में काम होते रहा है, परंतु यह क्षेत्र आज फ्रंटलाइन में आ गया क्योंकि दिनांक 7 मार्च 2024 को माननीय पीएम महोदय की जम्मू कश्मीर यात्रा में धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में काफी गंभीर सुरक्षा व्यवस्था के बीच एक कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें 1400 करोड रुपए से अधिक की पर्यटन क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं का शुभारंभ कर जम्मू कश्मीर को सौगात दी गई और वहां के कृषकों को भी 5000 करोड़ के समग्र कृषि विकास कार्यक्रम की घोषणा की गई। चुंकि पर्यटन क्षेत्र के बारे में पीएम के संबोधन से पर्यटन उद्योग को पंख लग गए और बुलंदियों को छूना तय हो गया, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,देखो अपना देश पीपल चॉइस 2024, राष्ट्र की नवाज पहचाननें की पहली राष्ट्रव्यापी पहल शुरू।
साथियों बात अगर हम दिनांक 7 मार्च 2023 को कश्मीर में घोषित चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी)योजना की करें तो, कार्यक्रम के दौरान पीएम ने सीबीडीडी योजना के तहत चयनित 43 पर्यटन स्थलों की घोषणा की। केंद्रीय बजट 2023-24 के दौरान घोषित की गई अभिनव योजना का उद्देश्य पर्यटन स्थलों के विकास में तेजी लाकर शुरू से अंत तक पर्यटक अनुभव प्रदान करना है, साथ ही स्थिरता को बढ़ावा देना और पर्यटन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता लाना है। 43 गंतव्यों की पहचान चार श्रेणियों- संस्कृति और विरासत गंतव्य में 16, आध्यात्मिक स्थलों में 11, इकोटूरिज्म और अमृत धरोहर में 10 और वाइब्रेंट विलेज में 5 में की गई है। पीएम ने देखो अपना देश पीपल्स चॉइस 2024 के रूप में पर्यटन पर राष्ट्र की नब्ज पहचानने की पहली राष्ट्रव्यापी पहल शुरू की। राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण का उद्देश्य 5 पर्यटन श्रेणियों -आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और विरासत, प्रकृति और वन्य जीवन, साहसिक और अन्य श्रेणियों में सबसे पसंदीदा पर्यटक आकर्षणों की पहचान करने और पर्यटकों की धारणाओं को समझने के लिए नागरिकों के साथ जुड़ना है। चार मुख्य श्रेणियों के अलावा, अन्य श्रेणी वह है जहां कोई अपने व्यक्तिगत पसंदीदा के लिए मतदान कर सकता है और अनछुए पर्यटन आकर्षणों और स्थलों जैसे वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज, वेलनेस टूरिज्म, वेडिंग टूरिज्म आदि के रूप में छिपे हुए पर्यटन रत्नों को उजागर करने में मदद कर सकता है। यह मतदान अभ्यास भारत सरकार के नागरिक सहभागिता पोर्टल माइगोव प्लेटफॉर्म पर होस्ट किया जा रहा है। पीएम ने भारतीय प्रवासियों को अतुल्य भारत के राजदूत बनने और भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करने के लिए चलो इंडिया ग्लोबल डायस्पोरा अभिया शुरू किया। यहअभियान पीएम के आह्वान के आधार पर शुरू किया जा रहा है, जिसमें उन्होंने भारतीय प्रवासी सदस्यों से कम से कम 5 गैर-भारतीय मित्रों को भारत की यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया था। 3 करोड़ से अधिक प्रवासी भारतीयों के साथ, भारतीय प्रवासी सांस्कृतिक राजदूत के रूप में कार्य करते हुए भारतीय पर्यटन के लिए एक शक्तिशाली वाहक के रूप में काम कर सकते हैं। पीएम ने लगभग 43 परियोजनाएं भी शुरू कीं जो देश भर में तीर्थयात्रा और पर्यटक स्थलों की एक विस्तृत श्रृंखला विकसित करेंगी। इनमें आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में अन्नवरम मंदिर जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल; तमिलनाडु के तंजावुर और मयिलादुथुराई जिले और पुडुचेरी के कराईकल जिले में नवग्रह मंदिर; कर्नाटक के मैसूर जिले में श्री चामुंडेश्वरी देवी मंदिर; राजस्थान के बीकानेर जिले में करणी माता मंदिर; हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में माँ चिंतपूर्णी मंदिर; गोवा में बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस चर्च आदि शामिल हैं। परियोजनाओं में अरुणाचल प्रदेश में मेचुका एडवेंचर पार्क जैसे विभिन्न अन्य स्थलों और अनुभव केंद्रों का विकास; गुंजी, पिथोरागढ़, उत्तराखंड में ग्रामीण पर्यटन क्लस्टर अनुभव; अनंतगिरि वन, अनंतगिरि, तेलंगाना में इकोटूरिज्म क्षेत्र; सोहरा, मेघालय में मेघालय युग की गुफा का अनुभव और झरना ट्रेल्स का अनुभव; सिनामारा टी एस्टेट, जोरहाट, असम की पुनर्कल्पना; कांजली वेटलैंड, कपूरथला, पंजाब में इकोटूरिज्म का अनुभव जूली लेह जैव विविधता पार्क, लेहअन्य भी शामिलहैं
साथियों बात अगर हम भारत में विभिन्न पर्यटक स्थलों की करें तो,पीएम का दृष्टिकोण इन स्थलों पर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का निर्माण करके देश भर के प्रमुख तीर्थ और पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के समग्र अनुभव को बेहतर बनाना है। इसके अनुरूप, पीएम ने राष्ट्र को 1400 करोड़ रुपये से अधिक की स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के तहत कई पहल शुरू की हैं। पीएम द्वारा राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली परियोजनाओं में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हज़रतबल तीर्थ का एकीकृत विकास; मेघालय में पूर्वोत्तर सर्किट में पर्यटन सुविधाएं; बिहार और राजस्थान में आध्यात्मिक सर्किट; बिहार में ग्रामीण और तीर्थंकर सर्किट; तेलंगाना के जोगुलम्बा गडवाल जिले में जोगुलम्बा देवी मंदिर का विकास; और मध्य प्रदेश के अन्नुपुर जिले में अमरकंटक मंदिर की विकास योजनाएं शामिल हैं। हजरतबल तीर्थ पर आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और सुविधाएं बनाने और उनके समग्र आध्यात्मिक अनुभव को बढ़ाने के लिए, हजरतबल तीर्थ का एकीकृत विकास’ परियोजना क्रियान्वित की गई है। परियोजना के प्रमुख घटकों में तीर्थस्थल की चारदीवारी के निर्माण सहित पूरे क्षेत्र का स्थल विकास; हजरतबल तीर्थ परिसर की रोशनी;तीर्थस्थल के चारों ओर घाटों और देवरी पथों का सुधार; सूफी व्याख्या केंद्र का निर्माण; पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण; साइनेज की स्थापना; बहुस्तरीय कार पार्किंग; अन्य बातों के अलावा सार्वजनिक सुविधा ब्लॉक और तीर्थस्थल के प्रवेश द्वार का निर्माण शामिल है।
साथियों बात अगर हम जम्मू कश्मीर पर्यटन में परिवर्तन कारी विकास की करें तो, पीएम ने पर्यटन में परिवर्तनकारी विकास के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा, एक समय था जब लोग सवाल करते थे कि पर्यटन के लिए जम्मू-कश्मीर की यात्रा कौन करेगा। आज, जम्मू-कश्मीर, पर्यटन के सभी रिकॉर्ड तोड़ रहा है। उन्होंने आगे बताया, केवल वर्ष 2023 में, जम्मू-कश्मीर ने पिछले रिकॉर्ड को पार करते हुए 2 करोड़ से अधिक पर्यटकों का स्वागत किया। पिछले 10 वर्षों में, अमरनाथ यात्रा में सबसे अधिक संख्या में तीर्थयात्रियों ने भाग लिया है और माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए भी भक्तों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। पीएम ने विदेशी पर्यटकों के आगमन में वृद्धि और मशहूर हस्तियों और अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के प्रति बढ़ते आकर्षण पर प्रकाश डालते हुए कहा,अब, यहां तक कि प्रमुख हस्तियां और विदेशी मेहमान भी जम्मू-कश्मीर की घाटियों का पता लगाने और वीडियो और रील बनाने के लिए आते हैं। पीएम ने कहा,जब इरादे नेक हों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का दृढ़ संकल्प हो, तो परिणाम मिलना तय है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जी-20 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी पर प्रकाश डाला। जम्मू की अपनी हाल की यात्रा का स्मरण करते हुए, जहां उन्होंने 32 हजार करोड़ रुपये के बराबर की बुनियादी ढांचे और शिक्षा की परियोजनाओं की शुरुआत की, पीएम ने पर्यटन और विकास तथा कृषि से जुड़ी आज की परियोजनाओं के साथ साथ नियुक्ति पत्रों का भी उल्लेख किया जिसका उन्होंने आज वितरण किया। पीएम ने कहा, विकास की शक्ति, पर्यटन की संभावना, किसानों की क्षमताएं और जम्मू एवं कश्मीर के युवाओं का नेतृत्व विकसित जम्मू एवं कश्मीर के लिए रास्ता प्रशस्त करेगा। पीएम ने कहा, जम्मू कश्मीर केवल एक स्थान नहीं है, जम्मू एवं कश्मीर भारत का मस्तक है। और ऊंचा मस्तक विकास और सम्मान का प्रतीक है। इसलिए, विकसित जम्मू एवं कश्मीर विकसित भारत की प्राथमिकता है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विशेषण करें तो हम पाएंगे कि भारतीय पर्यटन उद्योग को पंख लगे- बुलंदियों को छूना तय।देखो अपना देश पीपल्स चॉइस 2024- राष्ट्र की नब्ज़ पहचान की पहली राष्ट्रव्यापी पहल शुरू।पर्यटन क्षेत्र में 43 गंतव्यों की चार श्रेणियां संस्कृति और विरासत आध्यात्मिक स्थल,इको टूरिज्म और अमृत धरोहर तथा वाइब्रेट विलेज में करना सराहनीय।
-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र